नई दिल्ली, 05 दिसंबर, 2025: भारत सरकार IDBI बैंक में अपनी और एलआईसी की कुल 60.72% हिस्सेदारी बेचकर लगभग ₹64,000 करोड़ जुटाने की योजना बना चुकी है। सूत्रों के अनुसार, इस विनिवेश प्रक्रिया की सभी तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं और एक सरकारी एजेंसी द्वारा जल्द ही औपचारिक रूप से बोली शुरू की जा सकती है। यह लेनदेन सफल होने पर दशकों बाद किसी सरकारी बैंक के निजीकरण की ओर बढ़ने का पहला बड़ा कदम होगा।
कभी भारी कर्ज में डूबा यह बैंक, हाल के वर्षों में बड़े पैमाने पर सुधार और पूंजीगत सहायता के बाद प्रॉफिट में वापस आ गया है। एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) में भारी कटौती के बाद बैंक मजबूत स्थिति में है। वित्त राज्य मंत्री ने संसद में बताया कि चयनित बोलीदाता वर्तमान में उचित परिश्रम (Due Diligence) कर रहे हैं। सरकार इस प्रक्रिया को मार्च 2026 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में पूरा करने की उम्मीद कर रही है।
कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड के प्रमुख उदय कोटक इस बैंक को हासिल करने की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं। कोटक के अलावा, प्रेम वत्स की फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग्स लिमिटेड और एमिरेट्स एनबीडी पीजेएससी ने भी रुचि दिखाई है। इस अधिग्रहण की प्रत्याशा के कारण आईडीबीआई बैंक के शेयरों में इस साल अब तक लगभग 30% की वृद्धि हुई है।

