
रीवा। रीवा में संजय गांधी अस्पताल में शुक्रवार को मां और उसके दिव्यांग बीमार बेटे को आईसीयू से बाहर निकालने का मामला सामने आया है. आरोप है कि महिला का अस्पताल के सुरक्षा गार्ड के साथ किसी बात को लेकर विवाद हो गया था, जिसके बाद अस्पताल स्टाफ ने अमानवीय व्यवहार करते हुए बच्चे का इलाज बंद कर दिया. बच्चे की मां हाथ जोडक़र अस्पताल में डॉक्टरों से गुहार लगाती रही, लेकिन वहां मौजूद स्टाफ और डॉक्टरों ने कोई मदद नहीं की.
इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब मीडियो मौके पर पहुंची. जब दबाव बढ़ा तो बच्चे को दोबारा भर्ती किया गया. महिला का सिक्योरिटी गार्ड से विवाद हुआ, जिसके बाद उसके साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार किया गया. आईसीयू वार्ड में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे बच्चे को बाहर निकालने की इस घटना ने अस्पताल की कार्यप्रणाली और स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. बच्चे की मां ने आरोप लगाया कि मैं हाथ जोडक़र, रो-रोकर, डॉक्टरों के पैरों में गिरकर अपने बच्चे को बचाने की भीख मांगती रही. अस्पताल के दरवाजे पर फूट-फूट कर रोती रही, लेकिन वहां मौजूद सिक्योरिटी गार्ड, स्टाफ और डॉक्टर ने एक नहीं सुनी. किसी ने आगे बढक़र मदद नहीं की. पहले तो अधिकारियों ने इस मामले में चुप्पी साध ली. बाद में बच्चे को दोबारा अस्पताल में एडमिट कराया गया. जानकारी के अनुसार, संजय गांधी अस्पताल में यह पहला मामला नहीं है. यहां आए दिन सिक्योरिटी गार्डों की गुंडागर्दी, नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर्स की लापरवाही सामने आती रहती है. वहीं इस मामले को लेकर अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर राहुल मिश्रा ने नाराजगी जताते हुए जांच के निर्देश दिए हैं.
