नवागत कलेक्टर डां सतीश कुमार एस ने पत्रकारों के साथ की सौजन्य भेंट कहा मिलकर करेंगे कार्य
सतना:वर्तमान में देश और दुनिया में जिस प्रकार का वातावरण बना है.उसके चलते चित्रकूट का विकास किया जाना आवश्यक है.सरकार ने भी इस विषय को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया है.कार्ययोजना पर काम चल रह है.स्थानीय जरूरतों और श्रृद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रख कर कार्ययोजना क्रियान्वयन का प्रयास किया जाएगा. यह बात नवागत कलेक्टर डां सतीश कुमार एस ने कहीं.
पत्रकारों के साथ पहली भेंट में कलेक्टर डां सतीश ने कहा कि किसी भी प्रशासनीक अधिकारी की प्राथमिकताओं में चार बिन्दु महत्वपूर्ण है.पहला कानून व्यवस्था,दूसरे राजस्व जिसमें लोगों के अधिकारों के संरक्षण का प्रयास किया जाता है.तीसरा वे कल्याणकारी योजनाएं जिनका संचालन करने का दायित्व सौपा गया है.और चौथी प्राथमिकता में लोगों का संरक्षण किया जाता है,जिनके लिए यह व्यवस्था बनाई गयी है.उन्होने कहा कि अभी वे जिले की स्थिति को समझ रहे है.जिन बातों में समस्या समझ में आ रही है.उनकी विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित कर निर्णायक पहल करेंगे.
कलेक्टर ने पत्रकारों से सुझाव मांगते हुए कहा कि समाज के बीच जो घटता है उसकी जानकारी मीडिया के माध्यम से होती है.उन्होने कहा कि आगे दोनों को मिलकर जिले की बेहतरी के लिए प्रयास करना होगा.उन्होने निष्पक्ष पत्रकारिता पर जोर देते हुए कहा कि सकारात्मक प्रयासों से परिणाम अच्छे आते है.
रतलाम से शुरू हुआ कैरियर
कलेक्टर डां सतीश ने कहा कि उन्हे मध्यप्रदेश कैडर आवंटित होने के बाद पहली पोङ्क्षस्टग रतलाम अपर कलेक्टर के रूप में मिली.इसके बाद सिवनी जिले में एस डी एम,सीई ओ खरगौन,सीई ओ भोपाल के अलावा कुछ महीने रक्षा मंत्रालय में भी काम करने का मौका मिला.मूलतया तमिलनाडु के बिल्लौर जिले के रहने वाले डां सतीश ने मेडिकल की पढाई के बाद सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की थी.इसके पहले पशुपालन व डेयरी विकास विभाग में आयुक्त के पद पर पदस्थ थे.
रीवा,सतना में दुग्ध उत्पादन अच्छा
पिछले कार्यकाल से सम्बन्धित अनुभव पर पूछे गए सवाल के जबाव में उन्होने बताया कि सतना,रीवा में दुग्ध उत्पादन अच्छा है.लेकिन दुग्ध कोपरेटिव सोसायटी का काम ठीक नहीं होने के कारण दुग्ध उत्पादकों को पर्याप्त लाभ नहीं मिल पा रहा है.कलेक्टर डां सतीश ने कहा कि इस क्षेत्र में काम करने की जरूरत है.उन्होने स्वीकार किया कि दूध कारोबार को गति देकर किसान की आय को बढाया जा सकता है. सरकार ने राष्ट्रीय दुग्ध विकास फेडरेशन के साथ अनुबन्ध कर इस काम में मजबूती लाने का प्रयास किया है.इसके परिणाम निचले स्तर तक जल्द ही दिखाई देंगे