रेलवे देशभर के 5868 स्टेशनों पर दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों निःशुल्क व्हीलचेयर उपलब्ध कराता है: वैष्णव

नयी दिल्ली 11 दिसंबर (वार्ता) रेलवे देशभर के 5868 स्टेशनों पर दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों निःशुल्क व्हीलचेयर उपलब्ध कराता है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार परिचारक के उपलब्ध होने की स्थिति में पूर्व निर्धारित मामूली दर पर लाइसेंस प्राप्त सहायक (पोर्टर) किराए पर लिए जा सकते हैं। इस संबंध में जानकारी रेलवे स्टेशन परिसर में प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित की जाती है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बुजुर्ग, दिव्यांग और बीमार यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए की गयीं अन्य पहलों में कम्प्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) में वरिष्ठ नागरिकों और 45 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिला यात्रियों को बुकिंग के समय सीट उपलब्ध होने पर बिना किसी विकल्प के भी स्वचालित रूप से निचली सीट आवंटित करने का प्रावधान है। वहीं, शयनयान श्रेणी में प्रति कोच छह से सात निचली सीट , वातानुकूलित तृतीय श्रेणी (3एसी) में प्रति कोच चार से पांच निचली सीट और वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी (2एसी) में प्रति कोच तीन से चार निचली सीट (रेलगाड़ियों में उस श्रेणी के कोचों की संख्या के आधार पर) का संयुक्त आरक्षण वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिला यात्रियों और गर्भवती महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। इसके अलावा सभी क्षेत्रीय रेलवे के उपनगरीय खंडों पर चलने वाली लोकल रेलगाड़ियों के पूरे समय के दौरान प्रथम और अंतिम द्वितीय श्रेणी के सामान्य डिब्बे में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कम से कम सात सीटें आरक्षित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

श्री वैष्णव ने बताया कि रेलगाड़ियों के प्रस्थान के बाद यदि रेलगाड़ियों में निचली बर्थ खाली हों और दिव्यांग रियायत के तहत बुकिंग कराने वाला कोई दिव्यांग व्यक्ति, वरिष्ठ नागरिक या गर्भवती महिला, जिसे ऊपरी/मध्य सीट आवंटित की गई हो, वो अगर खाली निचली सीट के आवंटन के लिए संपर्क करे, तो रेलगाड़ियों में मौजूद टिकटों की जांच करने वाले कर्मचारी को चार्ट में आवश्यक प्रविष्टियाँ करते हुए उन्हें खाली निचली सीट आवंटित करने का अधिकार दिया गया है।

उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनों के लिए रियायती सुविधाओं की उपलब्धता के बावजूद, राजधानी/शताब्दी जैसी रेलगाड़ियों सहित सभी मेल/एक्सप्रेस रेलगाड़ियों में स्लीपर श्रेणी में चार सीट (दो लोअर और दो मिडिल), 3ई या 3ए श्रेणी में चार सीट (दो लोअर और दो मिडिल), गरीब रथ एक्सप्रेस रेलगाड़ियों के विशेष रूप से दिव्यांगों के लिए आरक्षित (एसएलआरडी) कोच में चार सीट और उन रेलगाड़ियों में आरक्षित द्वितीय सीटिंग (2एस)/ वातानुकूलित चेयर कार (सीसी) में चार सीटें आरक्षित की गयी हैं, जिनमें इन श्रेणियों के दो से अधिक कोच हैं।

उन्होंने बताया कि सभी मेल/एक्सप्रेस रेलगाड़ियों (पूरी तरह से आरक्षित रेलगाड़ियों को छोड़कर) में, एसएलआरडी कोचों को दिव्यांगजनों के विशेष उपयोग के लिए आरक्षित- अनारक्षित कोचों के रूप में मानने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि गरीब रथ एक्सप्रेस रेलगाड़ियों और अन्य पूर्णतः आरक्षित रेलगाड़ियों के मामले में, ये कोच दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित माने जाएंगे, जो दिव्यांग रियायत पर यात्रा कर रहे हैं और उन्हें उस श्रेणी का किराया पहले आओ पहले पाओ के आधार पर देना होगा। इसके अलावा कम्प्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली के माध्यम से जारी टिकटों में ( जहां तक संभव हो) एक निचली सीट दिव्यांगजनों को आवंटित करने और उनके साथ यात्रा करने वाले व्यक्ति को, सीट की उपलब्धता के अधीन, दिव्यांगजन के पास मध्य/ऊपरी सीट आवंटित करने के लिए कहा गया है।

रेलमंत्री ने बताया कि रेलगाड़ियों के प्रस्थान के बाद, यदि रेलगाड़ियों में खाली निचली सीट उपलब्ध हैं और यदि दिव्यांग रियायती टिकट पर बुकिंग कराने वाले किसी दिव्यांगजन को ऊपरी/मध्य सीट आवंटित की गई है और वह खाली निचली सीट के आवंटन के लिए आता है, तो रेलगाड़ियों में मौजूद टिकट चेकिंग स्टाफ को चार्ट में आवश्यक प्रविष्टियाँ करते हुए उन्हें खाली लोअर बर्थ आवंटित करने का अधिकार दिया गया है।

उन्होंने बताया कि विभिन्न यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) केंद्रों पर दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों, पूर्व सांसदों, विधायकों, मान्यता प्राप्त पत्रकारों और स्वतंत्रता सेनानियों से प्राप्त आरक्षण अनुरोधों के निपटान के लिए अलग-अलग काउंटर निर्धारित किए गए हैं, यदि प्रति शिफ्ट औसत मांग 120 टिकटों से कम न हो। यदि दिव्यांगजनों सहित इनमें से किसी भी श्रेणी के व्यक्तियों के लिए एक अलग काउंटर निर्धारित करने का कोई औचित्य नहीं है, तो कुल मांग के आधार पर एक या दो काउंटर इन सभी श्रेणियों के व्यक्तियों के आरक्षण अनुरोधों के निपटान के लिए निर्धारित किए जाते हैं।

श्री वैष्णव ने बताया कि क्षेत्रीय रेलवे द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र के आधार पर दिव्यांगजनों और कुछ बीमारियों से पीड़ित रोगियों को रियायती ऑनलाइन टिकट बुकिंग सुविधा प्रदान की गयी है। दिव्यांगजनों और कुछ बीमारियों से पीड़ित रोगियों के साथ आने वाला एक सहायक भी इस रियायत का पात्र है।

उन्होंने बताया कि प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर बैटरी से चलने वाले वाहन (बीओवी) उपलब्ध कराए जाते हैं, जिनमें दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों, बीमार यात्रियों और गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है। यह सुविधा कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व/प्रायोजन के माध्यम से निःशुल्क और सेवा प्रदाता के माध्यम से शुल्क के आधार पर प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में 79 स्टेशनों पर 196 बीओवी उपलब्ध हैं, जिनमें से 165 शुल्क के आधार पर, 10 प्रचार के माध्यम से निःशुल्क और 21 सीएसआर के माध्यम से निःशुल्क हैं।

श्री वैष्णव ने कहा कि दिव्यांगजनों, बीमार और बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए सुविधाओं को बेहतर बनाने सहित यात्री सुविधाओं का उन्नयन एक सतत और निरंतर प्रक्रिया है।

 

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