हिंदुस्तान जिंक की 12,000 करोड़ के निवेश से उत्पादन दोगुना करने की योजना

मुंबई 17 जून (वार्ता) देश की प्रमुख जिंक उत्पादक वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक ने राजस्थान के देबारी में एक नया 250 किलोटन वार्षिक (केटीपीए) उत्पादन वाला एकीकृत जिंक धातु परिसर स्थापित करने के लिए 12,000 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी निवेश योजना की घोषणा की है।

कंपनी ने मंगलवार को शेयर बाजार की नियामक फाइलिंग में यह जानकारी देते हुये निदेशक मंडल ने अगले कुछ वर्षों में जिंक, सीसा और चांदी में अपनी उत्पादन क्षमता को दोगुना करने की कंपनी की व्यापक ‘दो गुना विकास’ रणनीति के तहत इस परियोजना को मंजूरी दी है। नये संयंत्र को अतिरिक्त खनन और मिलिंग क्षमताओं द्वारा समर्थित किया जाएगा और इसके 36 महीनों के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। निवेश को आंतरिक स्रोतों और ऋण के संयोजन के माध्यम से वित्तपोषित किया जाएगा।

कंपनी के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, “ हम इस दो गुना विकास परियोजना की घोषणा करते हुए उत्साहित हैं, जो भारत की आर्थिक प्रगति और बढ़ती बुनियादी ढांचे की मांग के अनुरूप है। यह कदम हितधारकों के लिए दीर्घकालिक मूल्य बनाते हुए जिंक उत्पादन में हमारी आत्मनिर्भरता को बढ़ाता है।”

भारत के औद्योगिक विकास के अनुरूप विस्तार 2030 तक घरेलू इस्पात उत्पादन 30 करोड़ टन प्रति वर्ष तक पहुंचने की उम्मीद है और बुनियादी ढांचे में निवेश में अनुमानित वृद्धि के साथ, भारत में जिंक की मांग अगले 5-10 वर्षों में दोगुनी हो जाएगी। हिंदुस्तान जिंक की पहले से ही भारत के प्राथमिक जिंक बाजार में 77 प्रतिशत हिस्सेदारी है और शीर्ष-5 वैश्विक चांदी उत्पादकों में से एक है।

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