नयी दिल्ली 27 फरवरी (वार्ता) दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने राष्ट्रीय राजधानी की आबकारी नीति से संबंधित नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट को गुरुवार को लोक लेखा समिति (पीएसी) की पास भेज दिया।
विधानसभा में कैग की रिपोर्ट पर हुयी विस्तृत चर्चा के बाद श्री गुप्ता ने विपक्ष की अनुपस्थिति में इसे पीएसी के पास भेजने की घोषणा की और समिति को तीन महीने में जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा सचिवालय के सचिव को इस संबंध आवश्यक कार्यवाही को त्वरित गति से करने को कहा।
उन्होंने सदन को बताया कि कैग की रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि तत्कालीन आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने किस तरह से सरकारी राजस्व को हानि पहुंचायी है। उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट में आप सरकार की गलत आबकारी नीति के कारण 2002.68 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि की बात कही गयी है, लेकिन यह घोटाला उससे भी बड़ा है।
उन्होंने कहा कि कैग की रिपोर्ट में वापस किये गये लाईसेंस के लिए फिर से निविदिता नहीं निकाले जाने के कारण 890 करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा होने की बात कही गयी है। इसी तरह से गैर अनुरूप वार्डों में शराब की दुकानें खोलने की इजाजत नहीं देने से 941.51 करोड़ रुपये के राजस्व घाटा की बात कही गयी है। उन्होंने कहा कि कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि कोविड-19 के नाम पर क्षेत्रीय लाइसेंस धारियों को छूट देने से 144 करोड़ रुपये और सुरक्षा जमा राशि वसूलने में विफल रहने की वजह से 27 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हुआ था। उन्होंने कहा कि समिति की रिपोर्ट आने के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत दोषियों को उचित सजा दिलायी जाएगी।
इससे पहले सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों ने दिल्ली की आबकारी नीति को लेकर आप, पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर हमला बोला और कहा कि श्री सिसोदिया शिक्षा मंत्री कम, आबकारी मंत्री ज्यादा थे।
