प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार मैदान में बने रहते हैं. वह परिश्रम भी खूब कर रहे हैं लेकिन उनकी कार्यशैली और एटीट्यूड ऐसा है कि वह सभी कांग्रेसी नेताओं को साथ में लेकर नहीं चल सकते. विजयपुर उपचुनाव में मिली विजय और कार्यकारिणी में मिले वर्चस्व के कारण एक बार फिर जीतू पटवारी अलग भूमिका में सामने आने लगे है. हाल ही में खरगोन में खुद दिग्विजय सिंह ने इस संबंध में परोक्ष रूप से बताया. उन्होंने कहा कि जीतू पटवारी उनकी नहीं सुनते. यही नहीं दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो (जीतू पटवारी) सभी कांग्रेस के नेताओं को विश्वास में नहीं ले रहे हैं.
जाहिर है कांग्रेस की दिक्कतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. 27 जनवरी के कार्यक्रम को लेकर भी जीतू पटवारी को सभी की मदद नहीं मिल रही है. हालांकि दिग्विजय सिंह इस मामले में गंभीर हैं और उनकी कोशिश है कि 27 जनवरी का बाबा साहब अंबेडकर के स्मारक पर होने वाला कार्यक्रम सफल हो। इस कार्यक्रम में मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल और प्रियंका गांधी सहित अनेक बड़े नेता महू आने वाले हैं. जीतू पटवारी खुद सक्रिय हैं लेकिन उनके कार्यकारिणी और कांग्रेस के मोर्चा प्रकोष्ठ गति नहीं पकड़ पा रहे हैं. दरअसल, प्रदेश युवा कांग्रेस की कार्य कारिणी लटक गई है.
जबकि प्रदेश स्तर के नेता जल्द से जल्द कार्यकारिणी की घोषणा करना चाहते हैं ताकि संगठन को मजबूत किया जाए और जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत किया जा सके. एक हफ्ते पहले पीसीसी में युवा कांग्रेस की बैठक आयोजित की गई थी जिसमें पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को फोन लगाकर कहा था कि तत्काल कार्यकारिणी की घोषणा करें. वहीं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने यूथ कांग्रेस को संबोधित करते हुए दावा किया था कि एक सप्ताह के भीतर कार्यकारिणी की घोषणा कर दी जाएगी.
अब एक हफ्ते का समय पूरा हो गया है लेकिन कार्यकारिणी दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है. कार्यकारिणी में पद का इंतजार कर रहे युवाओं को अभी इंतजार करना पड़ रहा है.