
बांध परियोजना क्षेत्र को डीजीसीए द्वारा ड्रोन परिचालन/उडानें नहीं की जा सकेंगी
नवभारत न्यूज
मून्दी। ओंकारेश्वर बांध परियोजना की सुरक्षा 26 जनवरी तक बढ़ा दी गई है। औद्योगिक सुरक्षा बल सीआईएसएफ ने मरीन कमांडो बढ़ा दिए हैं। लगातार बोट पेट्रोलिंग की जा रही है। नए साल और राष्ट्रीय त्यौहार में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही थी। लोग करीब से इस क्षेत्र को देखने को बेताब रहते हैं।
इसी का फायदा उठाकर अनावश्यक गतिविधि करने वालों पर नियंत्रण के लिए ऐसा किया गया है। बांध की सुरक्षा में रेवा टापू और सैलानी टापू आने वाले पर्यटक बाधा बन रहे हैं। इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी।
सैलानी व रेवा टापू पर रोक
ओंकारेश्वर परियोजना के सैलानी व रेवा टापुओं के अंदर तक लोग नहीं जा सकेंगे। ब्रिज से अंदर तक वाहन रोक दिए जाएंगे। सहायक कमांडेड दर्शन सिंह का कहना है कि ओंकारेश्वर प्रांगण में सैलानियों की बढ़ती हुई संख्या मद्देनजर सीआईएसएफ इकाई ओकेपीएस खण्डवा ने बांध परिक्षेत्र में सीआईएसएफ के मरीन कमाडों को तैनात कर लगातार बोट पेट्रोलिंग भी की जा रही है।
तगड़ी कार्रवाई की चेतावनी
बांध के अपस्ट्रीम स्थित, सैलानी टापू व बांध के मध्य एक टापू (रेवा आईलेंड) है। बांध क ी ओर का पूरा क्षेत्र शासन द्वारा पूर्णत: प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है। प्रतिबंधित क्षेत्र में मछली पालन, मछली पकडऩा, नौका सैर, तैराकी व किसी भी प्रकार के अनाधिकृत प्रवेश पर पूर्णत: प्रतिबंध है। प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश व किसी भी प्रकार का अनाधिकृत कार्य करने वाले पर तगड़ी कार्रवाई हो सकती है। बांध परियोजना क्षेत्र को डीजीसीए द्वारा ड्रोन परिचालन/उडानें नहीं की जा सकेंगी। चेतावनी दी गई है कि कोई भी व्यक्ति ओंकारेश्वर बांध के अपस्ट्रीम स्थित बांध के नजदीक प्रथम टापू (रेवा आईलेंड) से बांध परिक्षेत्र सीमा में प्रवेश ना करें।
