नयी दिल्ली, 6 दिसंबर (वार्ता) सरकार पर नेता प्रतिपक्ष को गणमान्य विदेशी अतिथियों से मिलने का मौका न देने के आरोप पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को श्री राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर जोरदार हमला करते हुए इसे एक ऐसे व्यक्ति का प्रलाप बताया जो ‘अपरिपक्व’ है और ‘भारत के हित से पहले अपने हित को देखता है।’
भाजपा ने गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस जैसे कई बड़े राष्ट्रीय अवसरों पर श्री गांधी की गैर हाजिरी को गिनाते हुए कहा कि विपक्ष के नेता के अधिकार हैं तो उसके साथ कुछ कर्तव्य भी जुड़ें हैं। श्री गांधी और कांग्रेस पार्टी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कल सम्पन्न हुई दो दिवसीय यात्रा में विपक्ष के नेता को उनसे नहीं मिलवाने का मुद्दा उठाया है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पार्टी मुख्यालय पर एक विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा , ‘ विपक्ष के नेता श्री गांधी इस वर्ष 15 अगस्त को लाल किले पर नहीं गये। शायद उन्हें सुबह उठने में तकलीफ होती है। वह लाल किले पर नहीं पहुंचे पर, उस दिन वह कांग्रेस मुख्यालय गये थे।’
श्री भाटिया ने इस साल गणतंत्र दिवस परेड, मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत और उससे पहले उप राष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचे। भाजपा प्रवक्ता ने इसी संबंध में 2018 की गणतंत्र दिवस परेड और 2019 में 15 अगस्त को लाल किले पर श्री गांधी की अनुपस्थित जैसे कुछ और उदाहरण भी गिनाये।
भाजपा प्रवक्ता ने सवाल किया, ‘ ये कुछ उदाहरण हैं जो कर्तव्यों के प्रति श्री गांधी की गंभीरता पर सवाल उठाते हैं। क्या इन समारोहों में उपस्थित होना उनका कर्तव्य नहीं था? क्या उनके चाटुकारों की फौज को यह नहीं दिखता?”
उन्होंने कहा कि सुबह उठपाने में परेशानी के कारण ‘ शायद ये तकलीफ उनके लिए तकलीफ के निमंत्रण लगे हो’ लेकिन उन्हें इलहाल उमर (अमेरिकी सांसद) और जॉर्ज सोरोस से मिलाना हो तो पांच बजे भी उठने में दिक्कत नहीं होगी।
भाजपा प्रवक्ता ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हाल की यात्रा में उनकी ओर से भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना में की गयी बातों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस समय दुनिया भारत की तरह देख रही है और भारत को सराहती है पर ” दुर्भाग्य से इस समय भारत में एक मंडली है जो इन बातों पर दु:खी हो जारी है और भारत की तारीफ से उसकी छाती फटने लगती है।’
उन्होंने कहा कि जब भी राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्र हित का कोई बड़ा मुद्दा होता है तो उस समय कोई नया विवाद खड़ा कर देना ‘उनकी अपरिपक्वता और अशिष्टता है क्योंकि वह भारत के हित से पहले अपना हित खोजता है।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में एक ऐसी मंडली है जो तथ्य जाने बिना श्री राहुल गांधी के महिमामंडन में लगी रहती है।
श्री भाटिया ने कहा , ‘हमें समझना होगा कि वैश्विक राजनीति साख से चलती है, न कि ‘यह मेरा अधिकार बनता है’ की भावना से ।” उन्होंने यह भी कहा कि दुर्भाग्य से भारत में प्रतिपक्ष के नेता के पद पर एक ऐसा व्यक्ति है जिसे पता नहीं कि किसी फोरम पर क्या बोला जाना चाहिए।
उन्होंने कि श्री गांधी ने फांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रां से मिल कर बयान दे दिया था कि भारत के साथ रफाल लड़ाकू विमानों की कीमत की गोपनीयता का कोई समझौता नहीं हुआ था। श्री मैक्रां को श्री गांधी के उस बयान का खंडन करना पड़ा। इसी तरह उनके पूर्ववर्ती राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलांद को भी कांग्रेस के नेता के बयान का खंडन करना पड़ा था।
भाजपा प्रवक्ता ने उन्होंने कहा कि ‘विदेशी अतिथि अगर चाहता है किसी से मिलना तो वह उसे इंगित कर सकता है।”उन्होंने कई तस्वीरें दिखायीं जो बांग्लादेश की तत्काली प्रधानमंत्री शेख हसीना , मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के साथ श्री गांधी की भेंट की हैं। उन्होंने कहा, ‘फिर यह किस तरह का षडयंत्र, झूठी राजनीति? फिर क्यों यह नौटंकी कि मुझे निमंत्रण नहीं आया।”
भाजपा प्रवक्ता ने सवाल किया , ‘जब राहुल गांधी विदेशी मेहमानों से मिले तो क्या वह भारत के हित में रहा? या उन्होंनेअनर्गल बयान दिये जिससे भारत की छवि गिरी?”
भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस नेता श्रीमती सोनिया गांधी को उनके इस बयान के लिए भी आड़े हाथों लिया कि भाजपा प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की विरास्त को छिन्न-भिन्न करने में लगी है।
श्री भाटिया ने धारा 370, पाक अधिकृत कश्मीर, भारत की भूमि पर चीन के कब्जे और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी जगह दिये जाने के प्रस्ताव को चीन के लिए छोड़ देने को स्वर्गीय नेहरू की असली विरासत बताते हुए कहा , ‘ कांग्रेस हमारी इन बातों का जवाब दे तो इस मुद्दे पर आगे चर्चा की जा सकती है।”
उन्हाेंने कहा कि मोदी सरकार नेहरू जी की गलतियों का भुगतान करते हुए स्थिति को सुधार रही है, यह राहुल गांधी है जो कांग्रेस के लिए ‘भष्मासुर’ बन गये हैं। वह महाराष्ट्र और बिहार में अपने सहयोगी दलों को निपटाने के बाद अब उत्तर प्रदेश में श्री अखिलेश यादव को निटाने की तैयारी में हैं।
