विशेष तौर में केल में एंटी कैंसर तत्व, खनिज, कोलेस्ट्रॉल, वजन एवं रक्त शर्करा को कम करने का कार्य करती है। इसे लगाने का उपयुक्त समय मध्य सितंबर से मध्य अक्टूबर के बीच का है। साथ ही इसकी उपज 10 से 12 टन प्रति एकड़ प्राप्त की जा सकती है। बड़े शहरों में इसकी कीमत 200 से 300 रूपये प्रति किलो की दर से है। साथ ही केल पाउडर की कीमत 1500 से 2000 रूपये प्रति किलो तक मिलती है। इसका एक महीने का तैयार रोपा खेत में लगाया जाता है तथा इसकी पहली तूड़ाई रोपाई के 55 से 70 दिन के बाद की जा सकती है।
इसके बाद प्रगतिशील कृषक श्री संदीप रघुवंशी के यहां कलेक्टर श्री सिंह द्वारा हाईटेक नर्सरी एवं हाईटेक विद्युत पंप के साथ ही केल की खेती का अवलोकन किया गया। प्रगतिशील कृषक द्वारा सब्जियों की नर्सरी तैयार कर छिंदवाड़ा जिले के साथ ही अन्य जिलों में भी उपलब्ध कराई जा रही है। इस नवाचार से कृषक का वर्ष भर का टर्नओवर एक से डेढ़ करोड़ के बीच होता है। इस दौरान जिले के उप संचालक कृषि जितेंद्र कुमार सिंह, उद्यानिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ.आर.सी.शर्मा, उप संचालक उद्यानिकी एम.एल.उईके, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ.डी.सी.श्रीवास्तव, वैज्ञानिक सुश्री रिया ठाकुर, अनुभागीय कृषि अधिकारी नीलकंठ पटवारी, वरिष्ठ उद्यान अधिकारी उईके, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी जगन्नाथ कुमरे, सुधीर शर्मा एवं ग्राम के अन्य प्रगतिशील कृषक उपस्थित थे।