मुंबई, 05 दिसंबर (वार्ता) महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने गुरुवार को आरोप लगाया कि हाल ही में संपन्न हुए नगर निगम चुनावों में फर्जी मतदान, धमकी एवं सभी नियमों का खुलेआम उल्लंघन हुआ।
उन्होंने आरोप लगाया कि गोंदिया जिले के सालेकसा नगर पंचायत में चौंकाने वाली घटना हुई, जहां मतदान समाप्त होने के बाद 17 ईवीएम की सील तोड़ कर दोबारा मतदान कराया गया।
उन्होंने कहा कि हालांकि, अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है लेकिन ये सभी घटनाएं लोकतंत्र का हनन हैं।
तिलक भवन में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद राज्य में 10 साल बाद स्थानीय स्वशासी निकायों के चुनाव हो रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि इन चुनावों में सत्तारूढ़ पार्टी, प्रशासन और चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया का मजाक उड़ाया है।
श्री सपकाल ने कहा कि कांग्रेस लगातार चुनाव प्रक्रिया में सुधार पर बल दे रही है और वोटों की चोरी और मतदाता सूचियों में व्याप्त अव्यवस्था के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाती रही है लेकिन कोई सुधार नज़र नहीं आ रहा है। उन्होंने मांग किया कि चुनाव आयोग को आख़िरकार अपनी आंखें खोलनी ही होंगी।
श्री सपकाल ने कहा कि वोट चोरी के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी ने 14 दिसंबर को दिल्ली में एक बड़ी राष्ट्रव्यापी रैली का आयोजन किया है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार पर किसानों के साथ विश्वासघात करने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि मई से अक्टूबर तक हुई बारिश ने पूरे राज्य में तबाही मचाई। फसलें बह गईं, खेत कट गए, पूरा मौसम बर्बाद हो गया और किसानों को भारी नुकसान हुआ। सरकार ने 33,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की, लेकिन किसी को नहीं पता कि असल में यह किसे मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार को कोई मुआवज़ा प्रस्ताव नहीं भेजा गया।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में ही महाराष्ट्र सरकार की नाकामी उजागर कर दी। उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार ने कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है, जिससे एक बार फिर साबित हो गया है कि भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कितना झूठ बोलते हैं।
श्री सपकाल ने आरोप लगाया कि राज्य में केंद्र से कोई धनराशि नहीं लाई गई, न ही कोई प्रस्ताव भेजा गया क्योंकि भाजपा-महायुति सरकार का किसानों की मदद करने का कोई इरादा नहीं है।
