
नई दिल्ली, 24 नवंबर, 2025: पाकिस्तान के दिवंगत परमाणु वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कादिर खान (AQ Khan) के अन्य देशों को परमाणु तकनीक और सीक्रेट बेचने के मामले में अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के पूर्व ऑपरेशंस चीफ जेम्स लॉलर ने एक बड़ा खुलासा किया है। लॉलर ने बताया कि उन्होंने सीआईए निदेशक जॉर्ज टेनेट के साथ मिलकर पुख्ता सबूतों के साथ तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को खान की इन हरकतों से अवगत कराया था। खान पर न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी के फैलाव और एक गैर-कानूनी नेटवर्क चलाने के आरोप हैं।
मुशर्रफ ने गुस्सा होकर दी थी गालियाँ
जेम्स लॉलर के मुताबिक, जब टेनेट ने मुशर्रफ से कहा कि अब्दुल कादिर खान पाकिस्तान को धोखा दे रहा है और लीबिया जैसे देशों को सेंसेटिव जानकारी बेच रहा है, तो मुशर्रफ गुस्से में आ गए। उन्होंने खान को गंदी-गंदी गालियाँ दीं और कहा, “मैं उसे मार डालूंगा।” इसके बाद मुशर्रफ ने खान को कई सालों तक हाउस अरेस्ट में रखा, जो 2004 में शुरू हुआ था। लॉलर ही वह अधिकारी हैं जिन्हें अब्दुल कादिर खान के अंतराष्ट्रीय परमाणु तस्करी के खेल को उजागर करने के लिए जाना जाता है।
‘मौत का सौदागर’ क्यों पड़ा नाम
लॉलर ने बताया कि लंबे समय तक निगरानी के बाद अमेरिकी एजेंसी यह पता लगा पाई थी कि खान न्यूक्लियर जानकारी विदेश भी भेज रहे थे, जिसके कारण उन्होंने उनका निकनेम ‘मौत का सौदागर’ रखा। लॉलर ने बताया कि खान के नेटवर्क की ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम तक पहुँच थी और उन्होंने बैलिस्टिक मिसाइलों और चीनी एटम बम के ब्लूप्रिंट तक भेजे थे। लॉलर ने चेतावनी दी कि यदि ईरान परमाणु शक्ति बन गया तो पूरे मिडिल ईस्ट में “परमाणु महामारी” फैल जाएगी।
