वाड्रा ने नर्मदा पूजन कर ओंकारेश्वर के दर्शन किए

ओंकारेश्वर। ज्योतिर्लिंगों की पावन नगरी ओंकारेश्वर में सोमवार को रॉबर्ट वाड्रा पहुंचे। उनके धार्मिक दौरे ने पूरे क्षेत्र में उत्साह का वातावरण बना दिया। वाड्रा ने मां नर्मदा और भगवान ओंकारेश्वर का विधिविधान से पूजन-अभिषेक किया। स्थानीय लोगों से भी आत्मीय संवाद किया। नर्मदा तट पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन किया।

वाड्रा सबसे पहले ब्रह्मपुरी घाट पहुंचे, जहाँ वैदिक ब्राह्मणों के मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने मां नर्मदा का पूजन- अभिषेक किया। महंत मंगलदास त्यागी ने उन्हें ओंकारेश्वर की ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और भौगोलिक महत्ता से अवगत कराया। वाड्रा ने नदी किनारे कुछ समय शांति से ध्यान लगाया और कहा कि, नर्मदा तट की आध्यात्मिक ऊर्जा उन्हें “गहरी मानसिक शांति” प्रदान करती है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए

नर्मदा पूजा के बाद वाड्रा ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचे। उन्होंने ज्योतिर्लिंग के सम्मुख अभिषेक कर प्रदेश और देश की सुख-समृद्धि की कामना की। मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन ने उन्हें शाल, श्रीफल और भगवान की प्रतिमा भेंटकर सम्मानित किया।

 

कांग्रेस के ग्रामीण जिला अध्यक्ष उत्तम पाल सिंह, स्थानीय प्रतिनिधि और वरिष्ठ नेताओं ने वाड्रा का स्वागत किया।

 

ममलेश्वर लोक परियोजना पर स्थानीय लोगों से की बातचीत

 

वाड्रा ने ममलेश्वर लोक परियोजना के विरोध में आंदोलनरत नागरिकों से भी मुलाकात की। लोगों ने वाड्रा को बताया कि प्रस्तावित परियोजना से उनके घर, परंपराएँ और सांस्कृतिक धरोहर प्रभावित हो सकती है। वाड्रा ने उनकी बात ध्यानपूर्वक सुनी और कहा कि– “आपकी भावनाएँ और चिंताएँ पूरी तरह वाजिब हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से इस विषय पर गंभीरता से ध्यान दिलाऊंगा और हरसंभव सहयोग का आश्वासन देता हूँ।” उन्होंने अपने प्रतिनिधियों को भी इस मुद्दे पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए।

 

धार्मिक कार्यक्रमों के बाद वाड्रा स्थानीय वृद्ध आश्रम पहुँचे। यहाँ उन्होंने वरिष्ठजनों से मुलाकात की, उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और उन्हें शाल व फल वितरित किए।

वृद्धजनों के साथ समय बिताते हुए उन्होंने कहा कि समाज की वास्तविक ताकत अपने बुजुर्गों में ही बसती है।

मीडिया से बातचीत में बोले— ‘ओंकारेश्वर से आध्यात्मिक ऊर्जा मिली’।“ ओंकारेश्वर आकर मुझे अद्भुत आध्यात्मिक शांति मिली। यहाँ के लोग सरल, सहज और अत्यंत धर्मनिष्ठ हैं। मैं मां नर्मदा और भगवान ओंकारेश्वर से सभी की खुशहाली और विश्व शांति की कामना करता हूँ।”

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