रेल यात्रियों की सुरक्ष के लिए, हमारी सवारी भरोसे वाली और पटरी की पाठशाला अभियान 14 से

इंदौर:रेल यात्रियों की सुरक्षा और जनजागरूकता को बढ़ाने के मकसद से 14 नवंबर को रानी लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन पर दो नई पहलें शुरू की जा रही हैं. एक में ऑटो चालकों का डिजिटल सत्यापन और क्यू आर कोड प्रणाली लागू होगी, जबकि दूसरे में स्टेशन व पटरियों के आसपास बसी आबादी के बीच सुरक्षा, महिला सुरक्षा, साइबर जागरूकता और नैतिक शिक्षा पर जनसामान्य को शिक्षित किया जाएगा.

रेल एसपी पद्मविलोचन शुक्ला ने बताया कि जीआरपी का उद्देश्य केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखना नहीं है, बल्कि तकनीक और जनसहभागिता के जरिए यात्रियों व समुदाय के बीच सुरक्षा का भरोसा पैदा करना है. उन्होंने कहा कि दोनों पहलें इसी दिशा में ठोस कदम हैं और इससे न केवल तत्काल सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि लंबे समय में लोगों की सोच और व्यवहार में भी बदलाव आने की उम्मीद है.

“हमारी सवारी भरोसे वाली” योजना के तहत स्टेशन परिसर और उसके आसपास चलने वाले ऑटो चालकों का पंजीकरण कर उनके विवरण (नाम, मोबाइल नंबर, वाहन संख्या, फोटो एवं पुलिस सत्यापन स्थिति) एक ऑनलाइन डेटाबेस से जोड़ा जाएगा. सत्यापित चालकों के वाहनों पर खास क्यू आर कोड स्टिकर व नंबर लगाए जाएंगे; यात्रियों द्वारा क्यू आर स्कैन करने पर ड्राइवर की पूरी जानकारी दिखेगी. पुलिस का कहना है कि इससे यात्रियों को सुरक्षा का भरोसा मिलेगा और किसी घटना—शिकायत या सामान छूटने—की स्थिति में चालक की तुरंत पहचान संभव होगी.

साथ ही यह डेटाबेस जीआरपी को डेटा-आधारित मॉनिटरिंग व विश्लेषण की सुविधा भी देगा और यात्रीयों से फीडबैक लेने का जरिया बनेगा. “पटरी की पाठशाला” अभियान का लक्ष्य स्टेशन-पर्यावरण व ट्रैक के आसपास बसी बस्तियों, कॉलोनियों व असंगठित मजदूरों में सुरक्षा तथा जिम्मेदारी की भावना जगाना है. योजना के तहत घर-घर जागरूकता सत्र, बच्चों के लिए रेल-सुरक्षा कक्षाएं, कहानी-कार्यक्रम, पोस्टर और खेल के माध्यम से शिक्षण, गुड टच-बैड टच जैसी क्लासें और पोस्टर-नुक्कड़ नाटक शामिल होंगे.

अभियान के पहलू इस प्रकार हैं भिक्षावृत्ति या लावारिस घूमने वाले बच्चों की पहचान कर उन्हें शिक्षा व पुनर्वास से जोड़ना; महिला सुरक्षा व साइबर फ्रॉड पर इंटरएक्टिव सत्र; नशामुक्ति व नैतिक शिक्षा पर संदेश देना; तथा हेल्पलाइन नंबरों (139, 112, 1930) और आत्मरक्षा के तरीकों की जानकारी मुहैया कराना. शुक्ला ने बताया कि ये पहलें पारंपरिक गश्ती और कार्रवाई से आगे जाकर तकनीक और समाज-साझेदारी के जरिए सतत सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश हैं. योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए स्थानीय समुदाय, स्टेशन प्रबंधन और पुलिस के बीच समन्वय को अहम बताया जा रहा है, ताकि ट्रेन यात्रा न केवल सुविधाजनक, बल्कि सुरक्षित और जिम्मेदार भी बनी रहे

Next Post

फरीदाबाद में छापे, गृहमंत्री शाह ले रहे हैं बैठक

Tue Nov 11 , 2025
नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन गेट नंबर-1 के पास सोमवार शाम हुए धमाके में 9 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। एक कार में हुए विस्फोट से आसपास की गाड़ियां जल गईं। जांच एजेंसियां मौके पर पहुंचीं और जांच में जुटी हैं। सरकार ने […]

You May Like