नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (वार्ता) राजधानी में दो दिवसीय भारत अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन (बीआईआरसी) 2025 भारत मण्डपम में शुरू हुआ।
कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तथा अन्य सरकारी एवं उद्योग-विशिष्ट निकायों के संस्थागत सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन में वैश्विक खरीदार, निर्यातक, नीति निर्माता और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अग्रणी लोग भारत के चावल व्यापार और कृषि नवाचार के भविष्य पर विचार-विमर्श के लिए एक मंच पर आए हैं।
इस कार्यक्रम की शुरुआत एक उद्घाटन समारोह से हुई जिसमें भारत की पहली कृत्रिम बुद्धि (एआई)-आधारित चावल छंटाई प्रणाली का शुभारंभ किया गया। उद्घाटन समारोह में वैश्विक चावल व्यापार में भारत की बढ़ती प्रमुखता में भारतीय किसानों के योगदान को मान्यता देते हुए अंतरराष्ट्रीय आयातकों द्वारा 17 भारतीय किसानों को सम्मानित किया गया ।
समारोह में चावल उत्पादन में दक्षता, सटीकता और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई उन्नत मशीनरी और प्रसंस्करण समाधानों का भी प्रदर्शन किया गया। आयोजकों की एक विज्ञप्ति के अनुसार इस आयोजन के पहले दिन भारत और दुनिया भर से कम से कम 7800 प्रतिभागियों ने भाग लिया। पहले दिन 3000 करोड़ रुपये से अधिक के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें से सरकार ने अकेले बिहार की निजी कंपनियों के साथ कतरनी चावल जैसी जीआई किस्म के चावल के लिए 2200 करोड़ रुपये से अधिक के समझौते किए हैं।
इसके अलावा, भारतीय चावल कंपनियों और अन्य भारतीय व विदेशी कंपनियों के बीच अन्य समझौता ज्ञापन भी हुए हैं। चावल कंपनियों का कहना है कि भारत का लक्ष्य इस आयोजन के माध्यम से 1.8 लाख करोड़ रुपये के वैश्विक चावल व्यापार में अधिक मजबूती के साथ अपने स्थान का विस्तार करना है।
इस सम्मेलन के दौरान लगभग 25,000 करोड़ रुपये के समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग द्वारा समर्थित इस आयोजन में कम से कम 80 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।
भारतीय चावल निर्यातक महासंघ (आईआरईएफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रेम गर्ग ने कहा, “किसान भारत अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन की कहानी के केंद्र में हैं। उनके अथक प्रयासों ने भारतीय चावल को दुनिया भर में सबसे अधिक कारोबार और मूल्यवान वस्तुओं में से एक बना दिया है। जैसे-जैसे भारत विकसित भारत 2047 के विजन की ओर बढ़ रहा है, हमारा सामूहिक लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक किसान के योगदान को सम्मान और उचित अवसर मिले। एआई-संचालित छंटाई और सटीक प्रसंस्करण जैसी तकनीक के साथ हम कृषि उत्कृष्टता के एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। बीआईआरसी 2025 एक ऐसे मंच के रूप में खड़ा है जहाँ नवाचार, व्यापार और स्थिरता एक गौरवशाली और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए एक साथ आते हैं।”
इस आयोजन में चावल उद्योग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, व्यापार और किसान सशक्तिकरण पर केंद्रित कृषि-तकनीक के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां का प्रदर्शन किया गया है।
