येरूशलम, 23 अक्टूबर (वार्ता) इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने येरूशलम में बुधवार को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ अपनी बैठक में युद्धविराम समझौते के अगले चरणों के कार्यान्वयन की इच्छा व्यक्त की।
श्री नेतन्याहू ने हालांकि समझौते में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण बिंदुओं को भी रेखांकित किया, जिनका समाधान न होने पर आगे की प्रगति बाधित हो सकती है।
ये महत्वपूर्ण बिंदु हैं, गाजा पट्टी में तुर्की की किसी भी प्रकार से हस्तक्षेप न करने की इज़रायल की मांग, गाजा पट्टी के प्रशासन में फलस्तीनी प्राधिकरण या हमास की किसी भी भागीदारी का इजरायल द्वारा विरोध।
एक रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा कि हमास के पूर्ण निरस्त्रीकरण और गाजा पट्टी के पूर्ण विसैन्यीकरण के बाद ही इजरायली सेना पूरी तरह से पीछे हटेगी।
विवाद का प्रमुख बिंदु श्री नेतन्याहू की गाजा पट्टी के प्रशासन में फलस्तीनी प्राधिकरण को शामिल न करने की मांग है। अमेरिका हालांकि इज़राइली प्रधानमंत्री को इस मांग को छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि वहाँ शासन के लिए कोई व्यवहार्य विकल्प नहीं हैं।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की गाजा के लिए 20-सूत्रीय योजना में इस युद्धग्रस्त क्षेत्र की अस्थायी सुरक्षा एक बहुराष्ट्रीय कार्यबल द्वारा करने का प्रस्ताव है। इस पर श्री नेतन्याहू ने बुधवार को कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय बल में तुर्की की कोई भागीदारी नहीं होगी।
श्री नेतन्याहू ने गाजा में मिस्र और जॉर्डन द्वारा प्रशिक्षित फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण सुरक्षा बलों की तैनाती को भी ‘पूरी तरह से अस्वीकार’ कर दिया था।
