नयी दिल्ली, 17 सितंबर (वार्ता) दक्षिण पश्चिम दिल्ली के धौलाकुआं रिंग रोड पर बीएमडब्ल्यू हादसे की आरोपी गगन प्रीत कौर की न्यायिक हिरासत को अदालत ने 27 सितंबर तक बढ़ा दिया है।
बुधवार को आरोपी को दो दिन की न्यायिक हिरासत खत्म होने पर मजिस्ट्रेट अंकित गर्ग की अदालत में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान अदालत ने हादसे से संबंधित सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने का आदेश दिया।
आरोपी गगन प्रीत के अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने अदालत में मांग की कि घटनास्थल पर मौजूद बस और वहां बाद में आई वैन को जब्त किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जांच के दौरान संबंधित पुलिस उपायुक्त को गवाह बनाया जाए, क्योंकि उन्होंने ही सबसे पहले चश्मदीदों से बयान लिए थे। बचाव पक्ष ने यह आरोप भी लगाया कि घटनास्थल पर मौजूद एम्बुलेंस ने घायलों को ले जाने से इनकार कर दिया था, जिसकी पुष्टि कराना पुलिस अधिकारियों का कर्तव्य था।
अधिवक्ता गुप्ता ने अदालत में तर्क दिया कि पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के 10 घंटे बाद एफआईआर दर्ज की और इस मामले को भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत दर्ज किया गया, जो पूर्ववर्ती आईपीसी की धारा 304 के बराबर है। उन्होंने कहा कि इस धारा के पहले भाग में आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है, जबकि दूसरे भाग में नहीं।
बचाव पक्ष ने केस डायरी में पेज नंबर न होने पर भी आपत्ति जताते हुए जांच की पारदर्शिता पर सवाल उठाए। इस मामले पर अदालत गुरुवार को आगे सुनवाई करेगी।
गौरतलब है कि रविवार को धौला कुआं इलाके में एक बीएमडब्ल्यू कार ने मोटरसाइकिल को टक्कर मारी थी। हादसे में वित्त मंत्रालय के अधिकारी नवजोत सिंह की मौत हो गई थी, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हुई थीं। इस मामले में नवजोत के परिवार ने सवाल उठाया है कि पीड़ितों को नजदीकी अस्पताल की बजाय दूर के अस्पताल क्यों ले जाया गया।
आरोपी गगन प्रीत कौर पर गैर-इरादतन हत्या, लापरवाही से वाहन चलाने और साक्ष्य से छेड़छाड़ के आरोप लगाए गए हैं। पुलिस मामले की जांच जारी रखे हुए हैं।

