इंदौर:जैसे चर्चा थी कि शिवम वर्मा कलेक्टर हो सकते है. वैसे ही वर्मा कलेक्टर इंदौर हो गए. कलेक्टर आशीष सिंह उज्जैन संभागायुक्त पदस्थ बनाया दिया गया है. यह भी चर्चा में तय जैसा ही था. संभागायुक्त दीपक सिंह को राज्य निर्वाचन में भेजने की कल्पना नहीं थी, लेकिन उनको राज्य निर्वाचन को भेज दिया गया. इंदौर संभागायुक्त सुदामा खांडे एवं निगम कमिश्नर दीपक यादव पदस्थ किया है.
राज्य शासन ने आईएएस अधिकारी की सूची जारी की है. उसमें सबसे अप्रत्याशित रूप से संभवत इंदौर नगर निगम आयुक्त से कलेक्टर इंदौर सीधी पदस्थापना पहली बार ही हुई होगी. शिवम वर्मा को कलेक्टर इंदौर बनाया गया है. उनके सीनियर पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह भी इंदौर में पदस्थ है. कलेक्टर आशीष सिंह का तो उसी दिन तय हो गया था, जब उनको उज्जैन सिंहस्थ मुख्य मेला अधिकारी की जिम्मेदारी दी गई थी.
उसी समय आशीष सिंह का उज्जैन संभागायुक्त बनाना तय हो चुका था. इंदौर कलेक्टर को लेकर प्रतिभा पाल और चंद्रमौली शुक्ला की चर्चा थी, लेकिन शिवम वर्मा का भी नाम इंदौर कलेक्टर के लिए चल रहा था। अंततः वर्मा की पदस्थापना हो गई. नगर निगम कमिश्नर दीपक यादव को बनाया गया है. जनसंपर्क आयुक्त सुदामा खांडे को इंदौर संभागायुक बनाया गया है. आईडीए सीईओ रामप्रकाश अहिरवार को जबलपुर निगमायुक्त और डॉ परीक्षित संजयराव झाड़े को इंदौर विकास प्राधिकरण का सीईओ बनाया गया है।
मुख्यमंत्री की चली
इंदौर उज्जैन संभाग में जो भी अधिकारी पदस्थ हुए है, उनकी पदस्थापना में मुख्यमंत्री मोहन यादव की भूमिका स्पष्ट नजर आ रही है. दोनों संभाग में उनकी पसंद के अधिकारियों को तवज्जो मिली है. निगम कमिश्नर यादव भी उनकी नियुक्ति है. खैर , एक बात साफ है कि उज्जैन के साथ इंदौर में भी मुख्यमंत्री की ही चली है. उससे बढ़कर यह है कि आशीष सिंह का उज्जैन के साथ इंदौर में भी हस्तक्षेप बरकरार रहेगा। इस गठजोड़ का इंदौर उज्जैन को क्या फायदा मिलेगा, समय बताएगा.
