नगर निगम और आईएफसी के बीच 1700 करोड़ लोन राशि का एमओयू

इंदौर: नगर निगम इंदौर और इंटरनेशनल फाइनेंस कार्पोरेशन (आईएफसी) के बीच 1700 करोड़ रुपए के लोन के लिए एमओयू साइन हुआ. यह समझौता अमृत योजना के चतुर्थ चरण, धार रोड पर बनने वाले चंदन नगर चौराहे के ब्रिज, नया नगर निगम बिल्डिंग, और वर्कशॉप निर्माण जैसे विकास कार्यों को गति देगा.
महापौर पुष्यमित्र भार्गव की उपस्थिति में आईएफसी की ओर से मोहित बनेडीवाला और विक्टोरिया डेलमेन ने तथा निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने एमओयू पर हस्ताक्षर कर दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान किया.

2200 करोड़ तक विस्तारित अमृत योजना
महापौर ने बताया कि प्रारंभ में अमृत योजना केवल 1100 करोड़ रुपए की थी, लेकिन भविष्य की ज़रूरतों को देखते हुए इसका दायरा बढ़ाकर लगभग 2200 करोड़ रुपए तक किया गया है. इनमें से 1200 करोड़ अमृत प्रोजेक्ट के लिए और 500 करोड़ नए निगम भवन, चंदन नगर ब्रिज और वर्कशॉप बनाने के लिए उपयोग होंगे.

बिना गारंटी मिला 1700 करोड़ का लोन
महापौर भार्गव ने कहा यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि बिना किसी गारंटी और कोलेट्रल के, केवल नगर निगम की क्षमता के आधार पर हमें 1700 करोड़ रुपए का लोन मिला है. आईएफसी का सहयोग केवल वित्तीय लोन देना ही नहीं है, बल्कि तकनीकी स्तर पर भी सहयोग करेगी जो इंदौर के विकास में मार्गदर्शक साबित होगा.

दीर्घकालिक जल आपूर्ति योजना
महापौर ने आगे कहा कि नर्मदा जल योजना का चौथा चरण 2045 तक इंदौर की ज़रूरतों को पूरा करेगा और 2055 तक जल आपूर्ति क्षमता को सुनिश्चित करेगा. इसे इंदौर के विकास के लिए भविष्य का मील का पत्थर बताया गया. अंत में उन्होंने आईएफसी टीम का स्वागत करते हुए कहा कि यह पहली बार है जब किसी भारतीय शहर को इतने बड़े लोन की राशि बिना किसी गारंटी के देने के लिए आपसी सहमति हुई है. हम आशा करते हैं कि आप भविष्य में भी इन परियोजनाओं की प्रगति देखने इंदौर आते रहेंगे.

Next Post

मेडिकल कारोबारी पर आयकर का छापा: 250 करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा

Fri Sep 5 , 2025
इंदौर: शहर में आयकर विभाग की छापेमारी में अब तक करीब 250 करोड़ रुपए की बोगस बिलिंग और टैक्स चोरी का पर्दाफाश हुआ है. सबसे बड़ी गड़बड़ी इंदौर के डीसेंट मेडिकल और भोपाल के साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड में सामने आई, जहां 150 करोड़ की टैक्स चोरी का पता […]

You May Like