वेयरहाउस: हेराफेरी करने वालों पर एफआईआर क्यों नहीं.?

जबलपुर। भेड़ाघाट स्थित मजीठा के एमएलटी वेयरहाउस में करोड़ों रुपए की फर्जी मूंग और उड़द का मामला उजागर हुआ है। जिसमें जांच दल द्वारा दिए गए प्रतिवेदन में दर्शाया गया है कि 1 हजार 671 क्विंटल मूंग और 253 क्विंटल उड़द कम पाई गई है। देखा जाए तो कम पाई गई मूंग- उड़द की कीमत करोड़ों में है, जो कि पोर्टल पर चढ़ाकर कहां गायब कर दी गई है इसका खुलासा नहीं हुआ है। गौरतलब है कि करोड़ों रुपए की हेराफेरी होने के बाद भी केंद्र पर खरीदी कर रही बसेड़ी समिति और वेयरहाउस संचालक पर अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। जो कि प्रशासन पर भी सवाल खड़ा कर रहा है कि आखिर किसके दबाव में घोटाला करने वालों पर एक्शन नहीं लिया जा रहा है..? विगत वर्षों में भी मूंग खरीदी के समय मझौली क्षेत्र के सियाराम वेयरहाउस में लगभग 6 करोड़ रूपये की मूंग गायब मिली थी, जिसके बाद खरीदी करने वाली कंपनी पर मामला दर्ज करके वेयरहाउस सील किया गया था। देखा जाए तो अपराध की दृष्टि से अभी तक इस मामले में संदिग्ध खरीदी का भुगतान रुकने के अलावा प्रशासन द्वारा कोई भी सख्त कार्यवाही नहीं की है।

1924 क्विंटल का हुआ हेर- फेर

उप संचालक कृषि डॉ एस के निगम से मिली अनुसार सेवा सहकारी संस्था बसेड़ी द्वारा संचालित इस गोदाम स्तरीय उपार्जन केंद्र में 503 किसानों से 12 हजार 928 क्विंटल मूंग एवं 299 किसानों से 8 हजार 736 क्विंटल उड़द की ऑनलाइन खरीदी दर्ज की गई थी। जबकि जिला स्तरीय दल की जाँच के दौरान यहाँ 11 हजार 257 क्विंटल मूंग और 8 हजार 434 क्विंटल उड़द ही स्टेक में लगी पाई गई।

इस प्रकार 1924 क्विंटल मूंग- उड़द कम पाया गया है। जिसकी कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपए से भी ज्यादा है।

संदिग्ध खरीदी का भुगतान रुका

अनुविभागीय राजस्व अधिकारी शहपुरा के नेतृत्व में गठित जांच दल के प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर दीपक सक्सेना के एमएलटी वेयर हाउस में मूंग और उड़द संदिग्ध पाई गई खरीदी का भुगतान रोकने के निर्देश दिए हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन द्वारा आगे क्या कार्यवाही की जाती है।

इनका कहना है

अभी पूरी तरह से जांच नहीं हुई है,आगे की जांच भी चल रही है। जिसमें देखा जा रहा है कि किसके द्वारा फर्जी एंट्री की गई है और किसने फसल बेची है, उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।

डॉ एस के निगम,

कृषि उपसंचालक

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