श्रीनगर 09 जून (वार्ता) नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना क्षेत्र की विकास चुनौतियों से निपटने के लिए मुख्य मांग और शर्त बनी हुई है।
डॉ अब्दुल्ला ने गंदेरबल में संवाददाताओं से कहा, “राज्य का दर्जा हमारा मुद्दा है और यह कभी खत्म नहीं होगा। हमें उम्मीद है कि जो वादा किया गया है, उसे पूरा किया जाएगा, इंशाअल्लाह। पूर्ण राज्य के दर्जे के बिना शासन अधूरा रहता है और लोगों की जरुरतों को पूरा करने की प्रशासन की क्षमता गंभीर रूप से सीमित हो जाती है। राज्य के दर्जे के बिना हम लोगों की उम्मीदों को कैसे पूरा कर सकते हैं। हमें सड़कों की मरम्मत, स्कूलों और अस्पतालों का पुनर्निर्माण और पर्यटन को पुनर्जीवित करने की जरुरत है।” उन्होंने जोर दिया कि जम्मू कश्मीर के लोग प्रगति के लिए उत्सुक हैं और उनकी आकांक्षाओं को केवल लोकतांत्रिक सशक्तिकरण के माध्यम से ही पूरा किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “हम लोगों से मिल चुके हैं। उन्होंने हम पर भरोसा जताया है। अब समय आ गया है कि उन्हें अपने जीवन को बेहतर बनाने के साधन दिए जाएं।” उन्होंने क्षेत्र के महत्वपूर्ण पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया। उन्होंने पहलगा म हमले के बाद पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट को स्वीकार किया और मौजूदा भय की भावना को खत्म करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “पहलगाम की घटना के बाद पर्यटन को बहुत नुकसान हुआ है। इससे निपटने के लिए हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हाल ही में पहलगाम में स्थिति का आकलन करने और लोगों तथा संभावित आगंतुकों को उनकी सुरक्षा के बारे में आश्वस्त करने के लिए विशेष कैबिनेट बैठक आयोजित की गयी थी। मैं भी वहां था। हम सभी यह दिखाने के लिए मौजूद थे कि हम लोगों और क्षेत्र के साथ खड़े हैं।”
पर्यटकों में विश्वास जगाने के लिए प्रतीकात्मक कदम उठाते हुए डॉ अब्दुल्ला ने कहा कि वह मंगलवार को व्यक्तिगत रूप से पहलगाम का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा, “केवल पहलगाम ही नहीं, माता वैष्णो देवी में भी भीड़ कम हो गई है। लोग डरे हुए हैं। मैं उस डर को दूर करने में मदद करने जा रहा हूं।” पहलगाम हमले के बाद कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र के सामने आए गंभीर आर्थिक संकट पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने केंद्र से हस्तक्षेप करने और पर्यटन अर्थव्यवस्था पर निर्भर लोगों को तत्काल राहत प्रदान करने का आग्रह किया।
नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख ने होटल व्यवसायियों, टैक्सी चालकों, टट्टू संचालकों और स्थानीय टूर सेवा प्रदाताओं पर व्यापक प्रभाव को उजागर किया, जिनमें से कई ने पर्यटन उछाल के दौरान अपने व्यवसायों को चलाने के लिए बैंक ऋण लिया था। उन्होंने कहा कि लोगों ने होटल बनाने, कमरों का विस्तार करने, घोड़े, टैक्सी खरीदने के लिए ऋण लिया तथा पर्यटकों के स्वागत के लिए सब कुछ किया गया। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वह प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से बात करके बैंकों को निर्देश दें कि वे पर्यटन क्षेत्र के स्थिर होने तक ऋण वसूली की कार्यवाही स्थगित रखें। उन्होंने कहा, “मैंने हर स्तर पर अपील की है। पर्यटन के फिर से शुरू होने पर ये लोग अपने ऋण चुका देंगे, लेकिन तब तक बैंकों को दया दिखानी चाहिए।” कश्मीर के पर्यटन उद्योग की रीढ़ बनने वाले लोगों की आजीविका की रक्षा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “हमारा अनुरोध सरल है। जब तक हालात सुधरते नहीं हैं, उन्हें सम्मान के साथ जीने दें।”
