हैदराबाद, 06 अगस्त (वार्ता) तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस ने राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों, शिक्षा और रोज़गार में पिछड़ा वर्ग के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण देने वाले विधेयक को तत्काल मंज़ूरी देने की मांग को लेकर बुधवार को यहां जंतर-मंतर पर विशाल धरना दिया ।
प्रदर्शन का नेतृत्व मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने किया, जिसमें उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश कुमार गौड़, कई मंत्री, विधायक, विधान पार्षद, निगम अध्यक्ष, जिला कांग्रेस अध्यक्ष और पिछड़ा वर्ग संघ के नेता शामिल हुए।
सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) सरकार को सीधी चुनौती दी। उन्होंने केंद्र पर विधेयकों को रोकने और समाज के कमज़ोर वर्गों को न्याय दिलाने में देरी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने विधेयक पारित करके केंद्र को भेज दिए हैं, लेकिन मोदी और भाजपा इसमें बाधा डाल रहे हैं। यह धरना राजनीति के लिए नहीं, बल्कि 42 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए है। अगर मोदी हमारी मांग पर ध्यान नहीं देते हैं, तो हम राजनीतिक रूप से लड़ेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें।”
मुख्यमंत्री ने भाजपा और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) दोनों पर बीसी समुदायों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए उनकी कड़ी आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि बीआरएस नेताओं ने भाजपा से अपनी राजनीतिक निकटता बनाए रखने के लिए धरने से परहेज किया। उन्होंने आगे घोषणा की कि 42 प्रतिशत बीसी आरक्षण का तेलंगाना मॉडल पूरे देश में एक राजनीतिक लहर पैदा करेगा और 2029 के आम चुनावों में एक प्रमुख एजेंडा बन जाएगा।
उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क मल्लू, एआईसीसी प्रभारी मीनाक्षी नटराजन, टीपीसीसी अध्यक्ष महेश कुमार गौड़, मंत्री सीथक्का और कोमती रेड्डी वेंकट रेड्डी, एमएलसी विजया शांति और अन्य कांग्रेस नेताओं ने तीखे भाषण दिए। उन्होंने भाजपा पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया जैसे राज्य विधानसभा में बीसी आरक्षण विधेयकों का समर्थन करना लेकिन केंद्र में उन्हें रोकना और पिछड़े वर्ग के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए “मुस्लिम कार्ड” का इस्तेमाल करना।
द्रविड़ मनेत्र कषगम (द्रमुक) सांसद कनिमोझी सहित अन्य नेताओं ने भी समर्थन दिया, जिन्होंने तमिलनाडु के 69 प्रतिशत आरक्षण मॉडल का हवाला दिया और राष्ट्रीय आरक्षण सीमा में तत्काल संशोधन की मांग की, और तेलंगाना की लड़ाई में पूर्ण समर्थन का वादा किया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर कहा, “तेलंगाना सरकार और कांग्रेस आज दिल्ली में धरने पर बैठे, मांग की कि राष्ट्रपति शिक्षा, रोजगार और स्थानीय सरकार में पिछड़े वर्गों के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण देने वाले कानून को मंजूरी दें।”
उन्होंने कहा “ यह कानून जाति जनगणना के आंकड़ों पर आधारित, संविधान के सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण की दिशा में एक बड़ी प्रगति है। मैं उन भारतीय नेताओं का आभारी हूँ जिन्होंने अपना समर्थन व्यक्त किया, और आशा करता हूँ कि राष्ट्रपति इस पर ध्यान देंगे और अपनी सहमति देंगे। यह लड़ाई सिर्फ़ तेलंगाना के लिए नहीं है। यह हाशिए पर पड़े समुदायों के भारतीयों को सत्ता और प्रगति में उनका वाजिब हिस्सा दिलाने के लिए एक सामूहिक लड़ाई है।”
कांग्रेस नेताओं ने 42 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग आरक्षण विधेयक को मंजूरी मिलने तक दिल्ली में अपना आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया, और इस विरोध प्रदर्शन को राजनीतिक दिखावे के लिए नहीं, बल्कि अधिकारों की लड़ाई के रूप में प्रस्तुत किया।
