
इजरायली प्रधानमंत्री ने ईरान के मिसाइल-ड्रोन हमले को ‘जीत’ बताया, अब गाजा में हमास के खिलाफ सैन्य दबाव बनाए रखने का संकेत; बंधक वापसी के लिए नए प्रस्ताव पर चल रही है बातचीत।
यरुशलम, 30 जून (नवभारत): ईरान पर अपनी सैन्य “जीत” के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अब गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए शेष लोगों की रिहाई के लिए एक नए अवसर की तलाश में हैं। नेतन्याहू ने ईरान द्वारा किए गए मिसाइल और ड्रोन हमले को इजरायल के लिए एक बड़ी रक्षात्मक जीत बताया है, और अब उनका ध्यान गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ सैन्य दबाव बनाए रखते हुए बंधकों की वापसी के प्रयासों पर केंद्रित हो गया है।
हाल ही में, इजरायल ने हमास को बंधकों की रिहाई के लिए एक नया प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव में युद्धविराम और बंधकों के बदले में कुछ शर्तों को शामिल किया गया है, हालांकि इसका विवरण अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। नेतन्याहू प्रशासन का मानना है कि ईरान के साथ सफल टकराव ने उन्हें वार्ता की मेज पर एक मजबूत स्थिति दी है। विश्लेषकों का मानना है कि इजरायल इस अवसर का उपयोग हमास पर दबाव बढ़ाने और बंधकों की जल्द रिहाई सुनिश्चित करने के लिए कर रहा है। इजरायल में बंधकों की रिहाई का मुद्दा एक अत्यधिक संवेदनशील और जनहित का विषय बना हुआ है, और सरकार पर उनके परिवारों और जनता की ओर से लगातार दबाव है।
सैन्य दबाव बनाए रखने की रणनीति, मिस्र-कतर मध्यस्थता की उम्मीदें तेज
इजरायल की रणनीति गाजा में हमास के सैन्य ढांचे पर लगातार दबाव बनाए रखने की है, ताकि उन्हें बंधकों की रिहाई के लिए मजबूर किया जा सके। इस बीच, मिस्र और कतर जैसे मध्यस्थ देश लगातार दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने का प्रयास कर रहे हैं।
यह देखना होगा कि हमास इस नए प्रस्ताव पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या ईरान के साथ तनाव कम होने से गाजा में बंधकों की रिहाई के लिए कोई ठोस रास्ता निकल पाता है। दुनिया भर की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या इस बार कोई स्थायी समाधान निकल पाएगा।
