
उज्जैन। उज्जैन की दताना-मताना हवाई पट्टी पर जहां कभी हेलीकॉप्टर तक उतरने में दिक्कत होती थी, अब वहां सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर एयरपोर्ट बनने जा रहा है। यह एयरपोर्ट उज्जैन को देश-विदेश से जोड़ देगा और सिंहस्थ 2028 में लाखों श्रद्धालुओं के आवागमन का केंद्र बनेगा। एयरपोर्ट निर्माण के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 300 एकड़ भूमि की मांग की है और परियोजना पर लगभग 500 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। रनवे को 800 मीटर से बढ़ाकर 2000 मीटर किया जाएगा ताकि बड़े विमानों का संचालन संभव हो सके। एयरपोर्ट पर चार वृहद द्वार, पार्किंग, कैंटीन और अन्य आधुनिक सुविधाएं रहेंगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में इस परियोजना की प्रक्रिया तेज हो गई है और राज्य सरकार व एयरपोर्ट अथॉरिटी के बीच अनुबंध की कार्यवाही जारी है। कलेक्टर रोशन कुमार सिंह के अनुसार एयरपोर्ट से उज्जैन की देश-विदेश से कनेक्टिविटी मजबूत होगी और महाकाल दर्शन के लिए अधिक श्रद्धालु पहुंच सकेंगे। यह परियोजना उज्जैन को आधुनिक विकास की नई पहचान देगी। उज्जैन में मेट्रो, आईटी पार्क और सिक्स लेन जैसे प्रोजेक्ट के साथ यह एयरपोर्ट शहर की छवि बदल देगा।
इधर,नवभारत को मिली जानकारी के अनुसार 300 एकड़ जमीन और 500 करोड़ की राशि की जरूरत रहेगी। वर्तमान में दताना हवाईपट्टी पर 90 एकड़ जमीन है, जो बढक़र 300 एकड़ हो जाएगी। एयरपोर्ट के समीप ही औद्योगिक क्षेत्र विक्रम उद्योगपुरी जुड़ी है, हवाई सुविधा से उद्योग को फायदा मिलेगा और नए उद्योगपति भी आएंगे। शहर ही नहीं अपितु पूरे मध्य प्रदेश का व्यापार व्यवसाय बढ़ेगा लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
