हैदराबाद, 08 मई (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस-भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) गठबंधन भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण की राजनीति का पर्याय है और उनका शासन मॉडल ‘शून्य शासन’ का पर्याय है।
प्रधानमंत्री मोदी ने तेलंगाना के करीमनगर और वारंगल में सार्वजनिक सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह जरूरी है कि हम तेलंगाना को इस विनाशकारी गठबंधन से बचाने के लिए एकजुट हों।
श्री मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दलों के बीच तुलना करते हुए बल देकर कहा कि भाजपा ने हमेशा राष्ट्र को सबसे पहले प्राथमिकता दी है जबकि तेलंगाना में कांग्रेस और बीआरएस दोनों पहले अपने परिवारों को प्राथमिकता देते हैं इसलिए कांग्रेस और बीआरएस के बीच अंतर करना बहुत कठिन है।
प्रधानमंत्री मोदी ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए टिप्पणी किया कि जब तेलंगाना का गठन हुआ, तब हमने बीआरएस पर भरोसा किया हालांकि, अपने परिवार के लिए बीआरएस ने तेलंगाना के परिवारों के सपनों को चकनाचूर कर दिया।
उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस के इतिहास को प्रतिबिंबित करता है क्योंकि आजादी के बाद देश ने कांग्रेस पर भरोसा किया लेकिन केवल वही पैटर्न दिखा: परिवार प्रथम। श्री मोदी ने कहा कि भले ही देश को नुकसान हो लेकिन उनकी परिवार प्रथम नीति सबसे पहले आती है, जो खेदजनक स्थिति को उजागर करती है।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पार्टी की क्रूरताओं को उजागर करते हुए कहा,“कांग्रेस की परिवार प्रथम नीति के कारण पीवी नरसिम्हा राव जैसे नेताओं का अनादर हुआ। उनके निधन के बाद भी, उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस कार्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया गया। यह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार थी जिसने श्री राव को भारत रत्न से सम्मानित किया और उनके योगदान का सम्मान किया।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार कांग्रेस-बीआरएस गठबंधन की पहचान है। उन्होंने कहा कि एक दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बावजूद, वे एक ही सिंडिकेट का हिस्सा हैं। उन्होंने सवाल किया कि बीआरएस ने कांग्रेस पर ‘वोट के बदले नोट’ का आरोप लगाया था लेकिन क्या बीआरएस के सत्ता में रहने के दौरान कोई जांच हुई?
प्रधानमंत्री ने यह भी सवाल किया कि इसी प्रकार, कांग्रेस ने बीआरएस पर कालेश्वरम घोटाले का आरोप लगाया था लेकिन तेलंगाना में इतने लंबे समय तक सत्ता में रहने के बावजूद, क्या कांग्रेस ने इसकी कोई जांच की है? उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि दोनों दल एक ही भ्रष्टाचार सिंडिकेट में शामिल हैं।
कांग्रेस के दोहरे मापदंड पर तीखा हमला करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि सिर्फ पांच वर्ष पहले, वे अंबानी और अडानी के प्रति मनोग्रस्त थे लेकिन रातोंरात, उनका दृष्टिकोण बदल गया है और अब वे उनके बारे में कुछ नहीं बोलते और चुप रहते हैं।
श्री मोदी ने पूछा, “अचानक आए इस बदलाव के पीछे का कारण क्या हो सकता है? यह पाखंड कहां तक जाएगा? उन्हें अडानी, अंबानी से कितना काला धन प्राप्त हुआ है?”