
छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड में महिला के गर्भ में बच्चे की मौत के बाद पीड़िता के सुसराल वालों ने जमकर हंगामा मचाया। पीड़िता के पति ने सुसराल वालों के सभी परिजनों के साथ विवाद करते हुए मारपीट की। इतना ही नहीं स्टाफ के साथ भी अभ्रदता की। हालांकि इस मामले में परिजनों ने अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
जानकारी में पीड़िता फौजिया खान पति रियाज अंसारी उम्र 20 साल ने बताया कि चेकअप के लिए गायनिकी वार्ड में अंदर गई। डॉक्टर ने जांच कर बताया कि ब्लड प्रेशर हाई है। गर्भ के अंदर शिशु की धडक़न भी समझ नहीं आ रही है। इसके बाद डाक्टर ने सोनोग्राफी के लिए कहा। एक निजी अस्पताल में सोनोग्राफी कराने गई। जहां सोनोग्राफी के बाद रिपोर्ट में गर्भ के अंदर शिशु की धडक़न बंद है। इसके बाद मैंने तत्काल मेरे पति रियाज को फोन लगाया उन्होंने नहीं उठाया। दूसरे के नंबर से फोन लगाया तो तत्काल उठा लिया। पीड़िता ने पति को पूरी परिस्थितियों से अवगत कराया। पति ने पीड़िता के दर्द को भी नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने आने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद पीड़िता गायनिकी वार्ड आ गई। इसके बाद रिपोर्ट देखकर गायानिकी वार्ड में डाक्टरों ने बताया कि जान को खतरा है, बीपी हाई है। इसके बाद पीड़िता ने शाम को फिर फोन लगाया, फोन लगाकर बताया कि मेरी जान को खतरा बना हुआ है। झटके आने के ज्यादा चांस बन रहे है। पति ने कहा मैं क्या करूंगा यहां आकर। इसके बाद पति अपने पूरे परिवार के साथ अस्पताल आ गया। यहां आकर मेरे पति मेरे परिवार वालों के साथ मारपीट की। बूढ़ी दादी को भी धसीट धसीट कर मारा। इस तरह पीड़िता ने अपने पति और सुसराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए है। पीडि़ता ने बताया कि सुसराल वाले मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं रखते। मेरे गर्भ में बच्चा होने के बाद मेरे साथ मारपीट करते थे। मुझे प्रताडि़त किया जाता था। मुझे घर से भी निकाल दिया गया। इस मामले की सिंगोड़ी चौकी में शिकायत दर्ज कराई है। इसके पहले भी मुझे निकाल दिया था। अंजुमन कमेठी ने मामला सुलझाते हुए वापस घर भिजवाया था। इसके बाद भी मेरे पति की हरकत में कोई सुधार नहीं आया। मेरा विवाह पिछले साल ही हुआ है। ये मेरा पहला डिलेवरी थी, लेकिन सुसराल वालों की प्रताडऩा और मारपीट के कारण ऐसा हो गया।
