नयी दिल्ली 28 मार्च (वार्ता) कांग्रेस ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि देश में एक उद्योग घराने को लाभ पहुंचाने के लिए हवाई अड्डा संचालन के नियमों में बदलाव किये जा रहे हैं और इनका निजीकरण किया जा रहा है।
कांग्रेस के नीरज डांगी ने सदन में ‘वायुयान वस्तुओं में हित संरक्षण विधेयक 2025’ पर चर्चा शुरू करते हुए कहा कि हवाई अड्डों का निजीकरण किया जा रहा है। एक उद्योग घराना काबिज होता जा रहा है। एक विशेष उद्योग घराने के हित के अनुरुप नियम बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय और नीति आयोग की सिफारिशों को दरकिनार किया गया है। हवाई अड्डों को घाटे में दिखाया जाता है और बेच दिया जाता है।
इससे पहले नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने सदन में ‘वायुयान वस्तुओं में हित संरक्षण विधेयक 2025’ चर्चा के लिए पेश किया। यह विधेयक 10 फरवरी को राज्यसभा में पेश किया गया। यह भारत में लागू होने वाले कई अंतरराष्ट्रीय समझौतों को कानूनी प्रभाव देता है।
श्री डांगी ने कहा कि देश में हवाई अड्डाें के संचालन में एकाधिकार स्थापित होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की उड़ान योजना विफल हो रही है। उन्होंने कहा कि योजनाओं को जमीन पर उतारने के वास्तविक प्रयास करने आवश्यक है। हवाई अड्डों पर दुर्घटनाएं बढ़ रही है। राजनीतिक और चुनावी लाभ लेने के लिए अधूरे या निर्माणाधीन हवाई अडडों को उद्घाटन किया जा रहा है। उन्होंने बेंगलुरु, अंडमान – निकाेबार द्वीप समूह, दिल्ली हवाई अडडे, भुवनेश्वर और अन्य हवाई अड्डों पर हुई दुर्घटनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने हवाई अड्डे और विमानन कंपनियों के वित्तीय माॅडल का भी उल्लेख किया।