
ग्वालियर। चिडिय़ाघर से पिछले वर्ष अगस्त माह में आई शावकों के जन्म की खुशखबरी रविवार को मातम में बदल गई। बाघिन मीरा के तीन शावकों में एक ने बीमारी के बाद दम तोड़ दिया। पिछले कई दिनों से शावक ने खाना-पीना छोड़ रखा था।
इसमें चिडिय़ाघर प्रबंधन की लापरवाही भी सामने आई है। पता चला है कि शावक बीमार तो बहुत दिनों से था लेकिन न तो जू के क्यूरेटर को इसका पता चल सका और न ही पशु चिकित्सक को।
बाघिन मीरा ने 5 अगस्त 2024 को तीन शावकों को जन्म दिया था। इनमें दो सफेद व एक पीला शावक था। पीला शावक जिसका नाम आदि रखा गया था, उसने बीमारी के चलते रविवार को दम तोड़ दिया। पता चला है कि शावक की मौत बीती रात को ही हो गई थी। मीरा के 7 माह के शावक को नरवाइन डिस्आर्डर बीमारी होने का पता चला है।
शावक के बीमार होने की जानकारी होने के बाद चिडिय़ाघर प्रबंधन ने पशु पालन विभाग से मदद मांगी थी। इसके बाद गोला का मंदिर से एक पशु चिकित्सक को शावक के इलाज के लिए भेजा गया था। लेकिन वह भी बीमार शावक की जान नहीं बचा सके।
बाघिन मीरा के शावक की पहले तो बीमार होने की जानकारी चिडिय़ाघर प्रबंधन द्वारा पूरी तरह से गुप्त रखी गई।
7 माह के शावक की मौत होने के बाद उसके शव का पोस्टमार्टम करने चिकित्सकों की एक टीम चिडिय़ाघर पहुंची। पोस्टमार्टम होने के बाद ही पता चलेगा कि शावक की मौत का प्रमुख कारण क्या रहा?
