नयी दिल्ली 28 फरवरी (वार्ता) दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी के पत्र का जवाब देते हुए हैरानी जतायी है कि मुख्यमंत्री रहने के बावजूद वह सदन के नियमों से अनभिज्ञ हैं।
गौरतलब है श्रीमती आतिशी ने श्री गुप्ता को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने 25 फरवरी को आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को निलंबित किये जाने और उसके बाद उन्हें विधानसभा परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दिये जाने पर सवाल उठाया था। इसके जवाब में श्री गुप्ता ने भी श्रीमती आतिशी को पत्र लिखा है, जिसमें कहा है कि 12 वर्षों से आम आदमी पार्टी दिल्ली में सरकार चला रही है और वह सदन के नियमों से अनभिज्ञ है।
श्री गुप्ता ने श्रीमती आतिशी को लिखे पत्र में कहा है, “आपका पत्र मिला, जिसमें आपने विपक्षी विधायकों के निलंबन और उन्हें विधानसभा परिसर में प्रवेश नहीं दिये जाने पर आपत्ति जतायी है। यह अत्यंत चिंताजनक है कि विपक्ष सदन में कार्य संचालन से संबंधित नियमों और विनियमों से अनभिज्ञ है, विशेषकर तब जब यही राजनीतिक दल पिछले 12 सालों तक सत्ता में था।”
उन्होंने लिखा, “विधानसभा के नियमों में सदन के परिसीमन को व्यापक तौर पर परिभाषित किया गया है। उन्होंने बताया कि विधानसभा के नियमों के अनुसार सदन के परिसीमन में विधानसभा, लॉबी, गैलरी, अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष के कक्ष, समिति कक्ष, पुस्तकालय, अध्ययन कक्ष, विभिन्न दलों के कक्ष, विधानसभा सचिवालय द्वारा उपयोग किये जा रहे कक्ष, विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों को नियंत्रण में आने वाले सभी परिसर तथा इन तक जाने वाले मार्ग शामिल हैं। ”
उन्होंने कहा, “इसके अलावा, नियम 277, बिंदु 3(डी) स्पष्ट रूप से कहता है. जो सदस्य सदन की सेवा से निलंबित किया गया है, उसे सदन के परिसर में प्रवेश करने और सदन एवं समितियाें की कार्यवाही में भाग लेने से प्रतिबंधित किया जाएगा।”