नगर सरकार की मंत्रिमण्डलीय बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
सतना:सेवा निवृत्ति के बाद संविदा सेवा में चल रहे उपयंत्री मैकेनिकल और स्वास्थ्य अधिकारी ननि ब्रजेश मिश्रा की सेवा वृद्धि का प्रस्ताव नगर सरकार की मंत्रिमण्डलीय बैठक में निरस्त कर दिया गया. इसके साथ-साथ ही एमआईसी द्वारा अन्य कई महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लिए गए.महापौर योगेश ताम्रकार, निगमायुक्त प्रतिनिधि उपायुक्त वित्त भूपेंद्र देव परमार, अधीक्षण यंत्री एस के सिंह, मेयर-इन-काउंसिल सदस्य और नगर निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों की मौजूदगी में सोमवार को नगर सरकार की मंत्रिमण्डलीय बैठक आयोजित हुई. एमआईसी की बैठक में उपयंत्री मैकेनिकल बृजेश मिश्रा की संविदा सेवा वृद्धि से संबंधित प्रस्ताव सामने आया.
सेवा निवृत्ति के बाद भी बतौर स्वास्थ्य अधिकारी ननि की संविदा सेवा करते आ रहे श्री मिश्र की सेवा आगामी 2 वर्ष के लिए और बढ़ाए जाने के प्रस्ताव को एमआईसी द्वारा सर्व सम्मति से निरस्त कर दिया गया. गौरतलब है कि बतौर स्वास्थ्य अधिकारी के सेवा निवृत्त होने पर उन्हें संविदा सेवा पर इस तरह पर रखा गया था कि वे न सिर्फ अनुभवी और कार्यकुशल हैं, बल्कि उनकी अनुपस्थिति से व्यवस्था के बिगडऩे का अंदेशा है. लेकिन संविदा सेवा का एक कार्यकाल पूरा होने के बाद उनकी सेवा वृद्धि के प्रस्ताव पर विराम लग गया.
वहीं अमृत परियोजना के अंतर्गत शहर के शेष क्षेत्रों में पाइप लाइन बिढाने और टंकी निर्माण कार्य को पूर्ण किए जाने के लिए संबंधित संविदाकार की समयावृद्धि संबंधी प्रस्ताव निश्रसत कर दिया गया. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री आवास योजना साइट उतैली में व्यावसायिक दुकानों के लिए पुन: निविदा जारी करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई. इसके साथ ही स्वास्थ्य शाखा के व्यावसायिक क्षेत्रों में रात्रिकालीन सफाई कार्य में नियोजित 30 मस्टर श्रमिकों और स्थापना शाखा के 1 मस्टर श्रमिक की अवधि वृद्धि के प्रस्ताव को हरी झण्डी दे दी गई. वहीं फायर शाखा के 2 मस्टर श्रमिकों को उच्च कुशल का पारिश्रमिक दिए जाने को स्वीकृति दे दी गई.
बनी 5 सदस्यीय समिति
नगर निगम सीमा क्षेत्र में वार्ड 1 से लेकर 45 तक सडक़ों के मरम्मत कार्य से संबंधित संविदाकार को समयावृद्धि प्रदान किए जाने से संबंधित प्रस्ताव सामने आने पर उस पर गंभीरता से विचार किया गया. विचार करने पर एमआईसी द्वारा यह निर्णय लिया गया कि मेयर-इन-कौंसिल के 3 सदस्य और 2 अधिकारियों की समिति द्वारा परीक्षण किया जाएगा. यह समिति अपना प्रतिवेदन मेयर-इन-कौंसिल के समक्ष 20 दिन मे्र प्रस्तुत कर देगी. जिसके आधार पर इस प्रस्ताव पर निर्णय लिया जाएगा