सतना :अपने-अपने अपराध की सजा भुगज रहे बंदियों ने मां वीणावादिनी का श्रद्धा भक्ति से पूजन अर्चन करते हुए एक ओर जहां प्रायश्चित करने का प्रयास किया वहीं दूसरी ओर यह कामना भी की कि रिहा होने के उपरांत वे मुख्यधारा से जुड़ते हुए परिवार, समाज और देश के काम आएं.अधीक्षक केंद्रीय जेल सतना श्रीमती लीना कोष्टा ने जानकारी देते हुए बताया कि जेल में निरुद्ध बंदियों और जेल के अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति में विद्या की देवी मां सरस्वती का प्राकट्योत्सव बसंत पंचमी का पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. सबसे पहले मां वीणावादिनी का विधिवत वैदिक रीति से पूजन-अर्चन और हवन किया गया.
जिसके बाद सभी लोगों के बीच प्रसाद वितरित किया गया. इस अवसर पर जेल में निरुद्ध बंदियों ने पूरी तल्लीनता के साथ मां सरस्वती की आराधना में संगीतमय भजन की प्रस्तुति दी. जिसके बाद बंदियों ने मां सरस्वती के सामने मत्था टेकते हुए सच्चे मन से अपने कर्मों के लिए प्रायश्चित करने का प्रयास किया. बंदियों के भक्तिभाव को देखते हुए जेल के अधिकारियों ने आहृवान किया कि जिस अपराध की सजा बंदी भुगत रहे हैं, सच्चे मन से इस बात का प्रयास करें कि वह अपराध पुन: न हो.
अपनी सजा भुगतने के बाद जब उनकी रिहाई हो तब उनके द्वारा ऐसा कोई भी कृत्य न किया जाए, जिससे कि उन्हें फिर से जेल में आना पड़े. सच्चे मन से प्रायश्चित करते हुए अपनी सजा पूर्ण करें और अच्छा नागरिक बनकर जेल से बाहर निकलें. जेल से बाहर निकलने के बाद समाज की मुख्यधारा से जुड़ते हुए परिवार, समाज और देश के काम आएं. इस अवसर पर जेल अधीक्षक श्रीमती लीना कोष्टा, जेल उप अधीक्षक श्रीकांत त्रिपाठी, जेल उप अधीक्षक सोनबीर सिंह कुशवाह, कल्याण अधिकारी अनिरुद्ध कुमार तिवारी, अष्टाकोंण अधिकारी फिरोजा खातून, प्रमुख मुख्य प्रहरी बंदी प्रसाद शर्मा, जेल स्टाफ और बंदीगणों द्वारा सक्रिय सहभागिता निभाई गई.