इंदौर: देशभर की एडवाइजरी कंपनियों को सॉफ्टवेयर सप्लाई कर मोटी रकम वसूलने वाले को क्राईम ब्रांच ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश उसका रिमांड लिया है. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है.क्राईम ब्रांच एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि आरोपी पुनीत वाधवानी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया और उसकी रिमांड है. चूंकि पुनीत वाधवानी लंबे समय से क्राइम ब्रांच के साथ ही केंद्रीय जांच एजेंसियों, सीबीआई और ईडी की रडार पर था. उसकी गतिविधियों को लेकर पहले से ही शिकायतें मिल रही थीं. हाल ही में करीब 800 लोगों से ठगी के मामले में होनेस्ट टेक्नोलॉजी एडवाइजरी कंपनी के दफ्तर पर छापा मारा गया था.
इस कार्रवाई में परदेशीपुरा में रहने वाले अमित खंडूजा, देवास में रहने वाले राहुल चौधरी और महिपाल सिंह, तथा एमआर-11 के सूरज मालवीय को गिरफ्तार किया गया. जांच में सामने आया कि इन कंपनियों को सॉफ्टवेयर की आपूर्ति पुनीत ही करता था. पुनीत वाधवानी का गोपुर चौराहे पर पीएंडपी सॉफ्टवेयर नाम से ऑफिस था. पुलिस ने वहां छापामारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं. पुनीत ने सॉफ्टवेयर सप्लाई के जरिए एडवाइजरी कंपनियों से मोटी रकम कमाई. क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली है कि कई एडवाइजरी कंपनियों में पुनीत की भागीदारी थी. वह न केवल सॉफ्टवेयर सप्लाई करता था, बल्कि ठगी के पूरे नेटवर्क को भी संचालित करता था. क्राइम ब्रांच ने पुनीत से पूछताछ के दौरान कई कंपनियों के दस्तावेज जब्त किए हैं. इन दस्तावेजों से अन्य ठग कंपनियों और उनके नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है.
करोड़ों की संपत्ति, पड़ताल करेगी क्राइम ब्रांच
इंदौर और कई शहरों में पुनीत की करोड़ों की संपत्ति है, जिसमें मकान, फ्लैट के अलावा फार्म हाउस शामिल हैं, जिनकी जानकारी निकालने में क्राइम ब्रांच लगी है. पुनीत साफ्टवेयर सप्लाय करने का काम कई सालों से कर रहा है. उसके दफ्तर में भी पुलिस को केस से जुड़े कई दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें जब्त किया गया है. क्राइम ब्रंाच की टीम आरोपी का रिमांड ले रही है, जिसमें कई खुलासे होने की संभावना है