भानपुरा मजबूर व लाचार किसान कम भाव में बेचने पर मजबूर अपने खून पसीने से कमाई हुई फसल
भानपुरा। कृषि उपज मंडी वह संयुक्त संचालक मंडी बोर्ड उज्जैन चंद्रशेखर वशिष्ठ के द्वारा 5 अक्टूबर को एक बैठक व्यापारी के साथ ली गई थी। उसमें यह निर्णय लिया गया था कि दो-चार दिन में ही मंडी चालू कर दी जाएगी। इस समय मंडी में सचिव के पद पर नियुक्ति जगदीश चंद्र भाबर को गरोठ भानपुरा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था और सचिव द्वारा सभी व्यापारियों पत्रकारों को विश्वास दिलाया गया था कि दो से चार दिन में एक बैठक लेकर मंडी चालू कर दी जाएगी। 5 अक्टूबर के बाद से ना तो मंडी चालू हुई और ना ही सचिव महोदय ने मंडी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई जब फोन के माध्यम से सचिव महोदय से चर्चा की तो उन्होंने बताया मेरे पास मंदसौर मंडी का भी चार्ज है। इस कारण में भानपुरा अपनी उपस्थिति नहीं दर्ज कर रहा हूं दो-चार दिन में भानपुरा मंडी में आकर व्यापारियों के साथ बैठक लेकर मंडी चालू करवाऊंगी। वही सहायक उप निरीक्षक मनीराम सुलिया से जब चर्चा की गई तो उन्होंने बताया मैं मंडी में अकेला ही हूं मेरे पास स्टाफ न होने के कारण मैं कार्रवाई नहीं कर सकता। करोड़ों रुपए की लागत से बनी भानपुरा कृषि उपज मंडी क्या ऐसे ही नशीडीयों का अड्डा बना हुआ रहेगा। शाम होते यहां जगह शराब की बाटल इधर-उधर रखी हुई नजर आती है क्या किसानों को इस मंडी का कोई फायदा नहीं मिलेगा। यहां पर खाली मीटिंग ही होती रहेगी या फिर कभी माल भी बिकेगा भानपुरा तहसीलदार विनोद शर्मा द्वारा कृषि उपज मंडी में हो रही गतिविधियों के बारे में जब चर्चा की तो उन्होंने उच्च अधिकारी को फोन पर चर्चा कर पत्रकारों को बताया कि 2 से 3 दिन में मंडी चालू करने के निर्देश दे दिए गए हैं। अब देखना यह है मंडी चालू होती है या आश्वासन ही रहेगा।