रविवार को करीब पचपन हजार भक्तों ने दर्शन लाभ लिए,इस बीच बिजली की लुका-छुपी चलती रही
ओंकारेश्वर: रविवार को हुई जोरदार बारिश से लोग खुश हैं। ओंकारेश्वर मंदिर में भीगते हुए लोगों ने दर्शन किए। वे प्रसन्न इसलिए भी दिखे कि भले भीग गए हों, उनके ओंकारजी के दरबार में आने के बाद भोलेनाथ ने खुद अभिषेक कर दिया। इस बारिश की प्रदेशभर को दरकार थी।अधिकतर भक्त भीग गए। शेड में पहुंचे तब भी पानी उन पर टपकता रहा। लोग उमस और टपकते पानी से परेशान रहे। कमिश्नर व आईजी भी पहले शेड में छाता लगाकर निकले ेथे। वे सब समझ गए,लेकिन चुप रहे थे। अब श्रावण से पहले इसे सुधारना जरूरी है।
काली घटाएं छाईं
दोपहर बाद से अचानक काली घटाएं छा गईं। भक्तों ने बम बम भोले की जय जयकार के नारे लगाए। रविवार को करीब पचपन हजार भक्तों ने दर्शन लाभ लिए। इसी बीच बिजली की लुका-छुपी चलती रही। बारिश शुरू होते ही गर्भगृह में जाने के लिए मंदिर के सभी गेट चालू कर दिए गए। इसका कारण यह था कि जो भक्त शेड के बाहर भीग रहे थे। वे भी जल्दी शेड मे आ गए। फिर भी काफी संख्या में भीग गए थे। बाहर से आए लोगों को परेशानी भी उठानी पड़ी।
शेड छलनी हो गया.समस्या बड़ी यह है कि मंदिर के आस पास जो शेड अभी लगे हंै। उनमें बहुत छेद हो गए हंै। जिनसे पानी टपकता है। शेड छलनी हो गया है। इन्हें बदलने की जरूरत है। श्रावण भी शुरु होने वाला है। बारिश की शुरूआत हो चुकी है।
कमिश्नर-आईजी को पता है
कुछ दिन पहले कमिश्नर, आईजी पिछले दिनों आए थे। जोरदार बारिश के कारण शेड मे उन्हें छतरियों का सहारा लेना पड़ा था। आम यात्री शेड में छाता लगा ले तो हालात खराब हो जाएं। अफसरों को भी यह स्थिति मालूम है। वर्तमान व्यवस्था से अभिषेक हाल खाली रहा। उसमें जाने के रास्ते बंद थे। अभिषेक कराने वाले भक्त और पंडित वंचित रहे।