ग्वालियर। एमआईटीएस को मिनिस्ट्री ऑफ़ एजुकेशन भारत सरकार द्वारा डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी का दर्जा दिये जाने के बाद नई दिल्ली में सिंधिया इंजीनियरिंग कॉलेज सोसाइटी की मीटिंग में ज्योतिरादित्य सिंधिया को सर्वसम्मति से कुलाधिपति की ज़िम्मेदारी दी गयी है।
संस्थान के जनसम्पर्क अधिकारी मुकेश मौर्य ने बताया कि सिंधिया ने हॉर्वर्ड और स्टैनफ़ोर्ड जैसे विश्वविद्यालयों से अपनी शिक्षा ग्रहण की है. उनका विज़न एम आई टी एस को नये आयाम प्रदान करेगा. विश्वविद्यालय के कुलगुरु डा आर के पंडित ने बताया कि एम आई टी एस की उतरोत्तर उन्नति देखते हुए शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने इसे डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया है, हम सभी ये प्रयास करेंगे कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय तकनीकी शिक्षा में अपना उच्च मुक़ाम स्थापित करे. हाल ही में एमआईटीएस ने नेक की ए डबल प्लस ग्रेडिंग प्राप्त की,कई कोर्स को ऐन बी ए का एक्रेडिटेशन मिला. संस्थान ने ऐन ई पी2020 के लगभग सभी प्रावधानों को फ्लेक्सिबल करिकुलम के माध्यम से स्थापित किया. आज एम आई टी एस बी टेक की 17 ब्रांचों एवं बी आर्क जैसे अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में शिक्षा प्रदान कर रहा है. यहाँ इमर्जिंग एरिया की ए आई , मशीन लर्निंग , डेटा सायंस, आईओटी, कंप्यूटर साइंस एवं डिज़ाइन, कंप्यूटर साइंस एवं बिज़नेस सिस्टम जैसे डिमांडिंग कोर्सेज तथा कई उच्च गुणवत्ता वाले एम टेक कोर्स , एम सी ए एवं एम बी ए संचालित होते हैं . युनिवर्सिटी में लगभग8 हज़ार छात्र छात्राएँ अध्यनरत है।
कुलगुरु डा पंडित ने रिसर्च को बढ़ावा देना, छात्रों को फ्लेक्सिबल करिकुलम के द्वारा एजुकेशन एवं स्किल्ड इंजीनियर बनाना एवं यूनिवर्सिटी को तकनीकी शिक्षा में उच्चतम स्तर की यूनिवर्सिटी बनाना प्रायोरिटीज़ में शामिल की हैं।