पीएम के स्वच्छता-सीएम के प्रतिबंधात्मक आदेश को मुंह चिढ़ा रही अवैध मांस मण्डी

० सीधी शहर में खुलेआम सडक़ के किनारे बदबूदार दुर्गंध के साथ गंदगी फैलाने वाली अवैध रूप से संचालित मीट-मटन की दुकानों को लेकर शासन-प्रशासन और विपक्ष के खिलाफ जनता में आक्रोश

सीधी 25 जून। पीएम के स्वच्छता-सीएम के प्रतिबंधात्मक आदेश को सीधी की अवैध मांस मण्डी मुंह चिढ़ा रही है। सीधी शहर में खुलेआम सडक़ के किनारे बदबूदार दुर्गन्ध के साथ गंदगी फैलाने वाली अवैध रूप से संचालित मीट-मटन की दुकानों को लेकर शासन-प्रशासन और विपक्ष के खिलाफ जनता में आक्रोश व्याप्त है।

करीब दो दशक से जिला मुख्यालय के मुख्य बाजार क्षेत्र के रहवासी अवैध रूप से जगह-जगह संचालित मीट-मछली की दुकानों से त्रस्त हैं। तत्संबंध में कई बार विरोध के स्वर मुखर होकर आला-अधिकारियों के समक्ष भी पहुंचे फिर भी बाजार क्षेत्र में अवैध रूप से जगह-जगह संचालित मीट मटन की दुकानों को सर्व सुविधायुक्त बनाये गये मीट-मटन मार्केट में विस्थापित करने की जरूरत नहीं समझी जा रही है। हैरत की बात तो यह है कि प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान और मुख्यमंत्री के प्रतिबंधात्मक आदेश का पालन भी कराने की आवश्यकता नहीं समझी जा रही है। सीधीवासियों को यह उम्मीदें थी कि मुख्यमंत्री की खुले में बिकने वाले मीट पर प्रतिबंधात्मक आदेश के बाद उन्हें नरकीय व्यवस्था से मुक्ति मिलेगी। किन्तु सीधी शहर के लिये उक्त आदेश की परिभाषा भी अधिकारियों ने बदलकर रख दी है। उक्त आदेश को यह अकिारी अलग ही चश्में से देख रहे हैं।

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अवैध मांस मण्डी हटाने पुन: जन आंदोलन की दरकार

सीधी के बाजार क्षेत्र में जगह-जगह संचालित अवैध मांस मंडी को हटाने के लिये प्रशासनिक निष्क्रियता को देखते हुये पुन: जन आंदोलन की दरकार है। जिसमें आम लोगों के साथ ही हिंदूवादी संगठनों को भी आगे आकर विरोध के स्वर मुखर करने पड़ेंगे, जिससे सीधी शहर में नवीन मीट मार्केट में ही मीट का कारोबार संचालित हो सके।

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जनता की गुहार, अवैध मांस मण्डी हटाओ सरकार

सीधी शहर की जनता करीब दो दशकों से यही गुहार लगा रही है कि बाजार क्षेत्र में जगह-जगह संचालित अवैध मांस मंडी को सरकार हटाओ। विडम्बना यह है कि जनता की गुहार पर न तो जनप्रतिनिधि कार्यवाई कराने की जरूरत समझ रहे हैं और न ही प्रशासन एसडीएम के प्रतिबंधात्मक आदेश के बावजूद अवैध मांस मंडी को बंद करा पा रहा है।

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इनका कहना है

कोई भी जन प्रतिनिधि या कोई भी अधिकारी हो सब मूक बधिर होकर कार्य करते हैं। शहर के बीच लालता चौक की गंदगी के बारे में जानते हुए भी सब अनजान बने हुए हैं। कितना आंदोलन हुआ विरोध हुआ फिर भी कार्रवाई करने की किसी की हिम्मत नही होती क्यों? समझ से परे है।

रोशन केसरवानी

लालता चौक सीधी

सीधी में मांस मंडी एक तमाचा है शासन और प्रशासन दोनो के मुंह पर, समझ आता है कि जनप्रतिनिधि और सरकार को आम जनता की भावनाओ से कोई लेना देना नही है। जहां जरा-जरा से मामले में बुलडोजर कार्यवाही हो जाती है वहां सरकारी आदेश की इतनी अवहेलना नही देखा गयाए वो भी जिला मुख्यालय में।

जीतेन्द्र सिंह चंदेल, सीधी

जब शासन स्तर से अभियान की शुरुआत होती तब बड़े जोर-शोर से प्रशासन ढिंढोरा पिटता है, लेकिन कुछ ही दिनों में स्थिति पुराने ढर्रे पर चलने लगती हैं। वर्तमान में प्रशासनिक हालात चिंताजनक है, किसी खबर पर न तो प्रशासन संज्ञान ले रहा है और न ही जवाब देने की जरूरत समझ रहा है। ऐसे में फिर से आवाज बुलंद करने की जरूरत है।

शिवपूजन मिश्रा, सीधी

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