आयुक्त बंगले के समीप वर्षों पुराने कब्जे हटेंगे
उक्त जमीन पर मल्टीलेवल पार्किंग लेगा आकार
फ्रीगंज क्षेत्र की बेशकीमती कीमती जमीन को लेकर नगर निगम में चली फाइल
उज्जैन: फ्रीगंज में व्यस्ततम क्षेत्र की बेशकीमती जमीन नगर निगम को मिलने का धीरे-धीरे रास्ता साफ हो रहा है. आयुक्त बंगले के समीप लगभग 100 करोड़ की यह जमीन है, जिसके लिए नगर निगम में फाइल दौड़ना प्रारंभ हो गई है.दरअसल वक्फ बोर्ड को लेकर केंद्र से लेकर मध्य प्रदेश में नए सिरे से कानून और नियम बनाए जाने की हलचल तेज हो गई है. वहीं देशभर में ऐसी सभी जमीनों पर जो बेजा कब्जे हो गए हैं उन्हें हटाने के लिए सरकार की मुहिम भी तेज हो गई है.
उज्जैन में भी ऐसी तमाम जमीन है जो सरकारी है और उन पर अवैध निर्माण अतिक्रमण हो चुके हैं. नवभारत द्वारा की गई पड़ताल में सामने आया कि उज्जैन नगर निगम आयुक्त से लेकर महापौर बंगले के समीप जो पुराने चद्दरों से कवर्ड की गई हुई जमीन है, वहां पर वर्षों से अवैध निर्माण अतिक्रमण कर लिए गए हैं, और व्यवसाय किया जा रहा है, इस जमीन की फाइल नगर निगम में दौड़ पड़ी है और कोर्ट कचहरी से लेकर नोटिस की प्रक्रिया चल रही है.
ग्रांट होटल के हिस्से की जमीन
नगर निगम द्वारा संचालित ग्रांट होटल महापौर बंगले, आयुक्त बंगले से सटी हुई यह जमीन दरअसल ग्रांट होटल के हिस्से की ही जमीन है. लीगल टीम अध्ययन कर रही है कि किस प्रकार से जमीन का कब्जा प्राप्त हो सकता है. यह बात कब्जाधारीयो को भी पता है कि एक दिन यह जमीन हाथ से फिसल जाना है, यही कारण है कि सभी ने टीनशेड से अस्थाई निर्माण कर रखा है. सब कुछ ठीक रहा तो नगर निगम यहां पर मल्टी लेवल पार्किंग बन सकता है