8 साल चले अढाई कोस, गरीबों को सस्ते मकान न मिलने का अफसोस

अधूरे निर्माण से खटाई में पड़े प्रधानमंत्री आवास

2017 से चल रहा कानीपुरा और मंछामन में आवासीय मल्टी का निर्माण, तीन ठेकेदार भागे

अब चौथा टेंडर फिर लगाएंगे, आयुक्त के पास आज साइन के लिए पहुंचेगी फाइल

प्रमोद व्यास
उज्जैन: स्वयं के आशियाने का सपना देख रहे गरीब हितग्राहियों को रुपए जमा करने के बाद भी मकान उपलब्ध नहीं हो पाए हैं. इस दिवाली पर भी वह गृह प्रवेश नहीं कर पाएंगे. इसका बड़ा कारण सामने आया है कि प्रथम ठेकेदार से लेकर बाद के ठेकेदार काम छोड़कर भाग चुके हैं. निर्माण अब तक अधूरा है और अब चौथी बार नगर निगम द्वारा टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे.

नवभारत को मिली जानकारी के अनुसार मंछामन कॉलोनी और कानीपुरा क्षेत्र में सस्ती दरों पर आम हितग्राहियों से लेकर गरीबों को स्वयं के आशियाने उपलब्ध कराए जाने के लिए आवासीय प्रोजेक्ट 2017 में बनाया गया था. कछुआ चाल से लेकर कुप्रबंधन के चलते जिम्मेदार अब तक प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर पाए. ऐसे में लोग राशि जमा करने के बाद भी किराए के मकान में रहने को मजबूर है.

इस दिवाली पर भी हाथ खाली
नरेंद्र मोदी 2014 में जब देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने और गरीबों का जीवन स्तर ऊंचा उठने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी, ढाई लाख से लेकर 8 लाख रुपए के बीच में गरीबों को मकान दिए जाने को लेकर जो प्रोजेक्ट बनाया गया था, उसमें लोगों का अच्छा खासा रुझान था. हाथों-हाथ लोगों ने फॉर्म भरकर राशि जमा कर दी और अब नगर निगम के चक्कर काटने को मजबूर है. उन्हें इस दिवाली पर भी स्वयं का मकान नहीं मिल पाएगा.

प्रोजेक्ट पर एक नजर
वर्ष 2017 में शुरू हुए अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट के पहले जिम्मेदारों ने दावा किया था कि इससे शहर झुग्गी झोपड़ी मुक्त हो जाएगा और गरीबों को स्वयं के फ्लैट मिलेंगे. प्रोजेक्ट अनुरूप नगर निगम को साल 2020 तक 2006 फ्लैट बनाकर जरूरतमंद हितग्राहियों को आवंटित करना थे. मंछामन व कानीपुरा क्षेत्र में मल्टियां बनाने का ठेका 142 करोड़ रुपये में गुजरात की ओमनी कंपनी को दिया गया था. अनुबंध हुआ था कि पहले चरण में कंपनी साल 2018 अंत तक कानीपुरा मार्ग में 152 ईडब्ल्यूएस, 132 एलआईजी, 144 एमआईजी श्रेणी के फ्लैट और मंछामन क्षेत्र में 480 ईडब्ल्यूएस श्रेणी के फ्लैट बनाकर देगी. यानी कुल 908 फ्लैट बनना थे.

दो ठेकेदार गए
धीमी गति से काम करने पर निगम ने जुलाई- 2019 में ओमनी कंपनी का ठेका निरस्त कर दिया था. नगर निगम ने 2020 में गुजरात की ही ज्योति इन्फ्राटेक कंपनी को अधूरा प्रोजेक्ट पूरा करने की कमान सौंपी. तय हुआ कि कंपनी 74 करोड़ रुपये में कानीपुरा मार्ग और मंछामन क्षेत्र में अधूरी मल्टियों का निर्माण जनवरी-2023 तक पूरा करेगी. सिर्फ कानीपुरा मार्ग में 152 ईडब्ल्यूएस का निर्माण ही हुए थे की कंपनी ने किए गए कार्यों का बिल भुगतान न करने पर शेष काम करना बंद कर दिया और कंपनी अपना सामान समेटकर गुजरात लौट गई.

आज तीसरा टेंडर बुलाया
नवभारत द्वारा की गई पड़ताल में जानकारी मिली कि उज्जैन नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक के समक्ष नया टेंडर लगाए जाने की फाइल भेजी जाएगी. जिस पर आयुक्त श्री पाठक साइन करेंगे उसके बाद विज्ञप्ति का प्रकाशन कर एक माह का समय टेंडर डालने के लिए नए ठेकेदार को दिया जाएगा। देखना है कि दीपावली के पहले यह कार्य भी शुरू हो पता है या नहीं.

इनका कहना है.

लगभग 40 प्रतिशत तो काम पूरा हो चुका है. 60 प्रतिशत काम बाकी है. नए ठेकेदार के लिए अब टेंडर लगाएंगे. आयुक्त के यहां फाइल साइन करने के लिए भेज रहे हैं.
-पीसी यादव, प्रभारी प्रधानमंत्री आवास ,नगर निगम

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