मास्को, 04 नवंबर (वार्ता स्पूतनिक) रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने कहा है कि उनका देश नागरिक उड्डयन क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग को और बढृाने के लिए तैयार है। श्री मंटुरोव ने एक साक्षात्कार में स्पुतनिक से कहा, “रूस एक ऐसा भागीदार है जो भारत के साथ न केवल अत्याधुनिक विमानन तकनीक की आपूर्ति करके, बल्कि भारत के घरेलू विमानन उद्योग के विकास के लिए भी काम करने के लिए तैयार है। इस अर्थ में, हमारा मानना है कि आपसी हित सैन्य क्षेत्र से आगे जाकर नागरिक उड्डयन में भी सहयोग का विस्तार करने में हो सकता है।”
गौरतलब है कि दोनों देशों का सफल विमानन सहयोग का एक लंबा इतिहास रहा है। सुप्रसिद्ध मिग-21 और सुखोई-30एमकेआई बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान भारत में लाइसेंस के तहत बनाए जाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि भारत का औद्योगिक क्षेत्र “मेक इन इंडिया” पहल के तहत तेजी से आगे बढ़ रहा है, और इसका हवाई परिवहन बाजार “तेजी से विकसित” हो रहा है। श्री मंटुरोव ने कहा, “रूसी सुपरजेट विमान पहले ही चार करोड़ से अधिक यात्रियों को ले जा चुके हैं और रूसी एयरलाइनों के घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय, दोनों मार्गों पर सक्रिय रूप से संचालित किए जा रहे हैं। जैसे-जैसे काम आगे बढ़ेगा, नए विमान मॉडल का उत्पादन बढ़ेगा। इससे भारतीय भागीदारों के साथ सहयोग को बढ़ावा मिलेगा और इस पर अधिक ठोस रूप से चर्चा की जा सकती है।”
सितंबर में, उद्योग और व्यापार उप मंत्री अलेक्सी ग्रुजदेव ने कहा था कि मंत्रालय नागरिक उड्डयन क्षेत्र में रूस और भारत को एक-दूसरे का अच्छा पूरक मानता है और उसका मानना है कि इस क्षेत्र में सहयोग जल्द ही “नई गति” पकड़ सकता है। अगस्त के अंत में आयोजित 26वीं रूसी-भारतीय अंतर-सरकारी आयोग की बैठक के दौरान, श्री मंटुरोव ने विशेष रूप से रसायन उद्योग, धातु विज्ञान और परिवहन इंजीनियरिंग क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया था।

