
कटनी। दद्दा धाम में आयोजित दद्दा जी की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भक्ति और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस अवसर पर वृंदावन से पधारे सुप्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश महाराज ने दिव्य कथा के माध्यम से गुरु महिमा और भक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला।
महाराज जी ने कहा कि दद्दा जी श्रेष्ठ गुरु हैं, जिनकी कृपा से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। उन्होंने कहा, “गुरु कृपा से ही सब कुछ संभव है।” महाराज जी के अनुसार, हर किसी में दोष देखने का भाव राक्षसी प्रवृत्ति है, जबकि जब हमारी दृष्टि में गुण-दर्शन का भाव प्रकट हो जाए, तो समझना चाहिए कि भगवत कृपा प्राप्त हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि भगवान सत्य स्वरूप हैं। संसार से भले कोई बात छिपाई जा सकती है, लेकिन ठाकुर जी से कुछ भी नहीं छिप सकता, क्योंकि वे सर्वज्ञ और सत्यस्वरूप हैं। यदि ठाकुर जी की सेवा जड़ नहीं बल्कि चैतन्य मानकर की जाए, तो वे उसी भाव से कृपा बरसाते हैं।
कथावाचक ने आगे कहा कि “गुरु कृपा से अवगुण भी सद्गुण बन जाता है।” अगर गुरु आप पर प्रसन्न हैं, तो चाहे जीवन कितना भी कठिन क्यों न हो, ठाकुर जी स्वयं उबारने आते हैं। नित्य आराधना करने से व्यक्ति को ऐसी शक्ति मिलती है कि वह किसी भी पीड़ा या संकट से विचलित नहीं होता।
महाराज ने यह भी कहा कि “किसी संत से प्रेम और समर्पण होना सामान्य बात है, लेकिन जब किसी संत के हृदय में किसी भक्त के प्रति प्रेम उत्पन्न हो जाए, तो वह अद्वितीय अवसर होता है।”
कार्यक्रम में भक्तों का सैलाब उमड़ा। श्रद्धालुओं में दद्दा जी के प्रति गहरी भक्ति और उत्साह देखने को मिला। शाम तक करीब पचास हजार भक्त दद्दा धाम पहुंचे और कार्यक्रम में सहभागी बने। कथा, सत्संग और हरिनाम संकीर्तन के साथ पूरे दद्दा धाम में भक्ति, गुरु कृपा और आनंद का दिव्य वातावरण व्याप्त रहा।
