उमरिया। बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व से एक बार फिर खुशखबरी आई है। यहाँ की चर्चित बाघिन तारा अपने तीन नन्हे शावकों के साथ पचपेढ़ी जोन में देखी गई है। करीब तीन महीने के इन शावकों की झलक ने न सिर्फ वनकर्मियों, बल्कि पर्यटकों के चेहरों पर भी मुस्कान ला दी है। बाँधवगढ़ प्रबंधन ने पुष्टि की है कि इन शावकों का जन्म जुलाई और अगस्त के बीच हुआ था।
तारा बाँधवगढ़ की पहचान बन चुकी है। वर्ष 2015 में प्रसिद्ध नर बाघ भीम और ढमढमा फीमेल की संतान तारा अब लगभग नौ वर्ष की हो चुकी है और यह उसका पाँचवां प्रसव है। शांत, सतर्क और मातृत्व से भरपूर इस बाघिन ने हमेशा अपने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है।
वन अधिकारियों के अनुसार, जन्म के बाद बाघिन लगभग दो महीने तक शावकों को गुफा या घने झाड़ियों में छिपाकर रखती है। जब वे थोड़े बड़े हो जाते हैं, तो माँ उन्हें जंगल के गुर सिखाना शुरू करती है। तारा भी अब यही कर रही है। वह अपने शावकों को शिकार की बारीकियाँ सिखा रही है। पहले वह खुद मांस को नरम बनाकर खिलाती है, ताकि वे धीरे-धीरे शिकार करने की कला सीख सकें।
बाँधवगढ़ के जंगलों में तारा की यह नई पीढ़ी एक बार फिर वन्यजीव प्रेमियों के लिए उत्साह और उम्मीद की नई किरण बन गई है।
