
बैतूल। जिला प्रशासन द्वारा दिव्यांग और मुख्य विषयों के शिक्षकों को 70 किलोमीटर तक दूर बीएलओ ड्यूटी पर भेजे जाने के आदेश से शिक्षक गुस्से में हैं। उनका कहना है कि यह कदम न केवल लोक शिक्षण संचालनालय के आदेशों की अवहेलना है, बल्कि बच्चों की पढ़ाई पर भी प्रत्यक्ष असर डाल रहा है।
लोक शिक्षण संचालनालय ने पहले ही निर्देश जारी किए थे कि दिव्यांग कर्मचारी और गणित, विज्ञान, अंग्रेजी जैसे मुख्य विषयों के शिक्षक बीएलओ कार्य से मुक्त रहें। इसके बावजूद प्रशासन ने इन शिक्षकों को दूरस्थ क्षेत्रों में ड्यूटी पर तैनात कर नियमों की अनदेखी की है।
विरोध स्वरूप शिक्षकों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा और मांग की कि दिव्यांग व विषय प्रमुख शिक्षकों की ड्यूटी नजदीकी क्षेत्रों में ही लगाई जाए, ताकि शैक्षणिक गतिविधियां बाधित न हों। शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मदललाल डढोरे ने कहा कि यह आदेश संचालनालय के निर्देशों के विपरीत है और प्रशासन से तत्काल इन्हें बीएलओ कार्य से मुक्त करने की मांग की।
कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने कहा कि यदि नियमों की अवहेलना हुई है, तो मामले की जांच करवाई जाएगी। शिक्षकों ने उदाहरण देते हुए बताया कि 60 प्रतिशत दिव्यांग अरुणा बंजारे को बक्का से 90 किलोमीटर दूर एनखेड़ा भेजा गया, निर्मला सूर्यवंशी को बिटिया से 70 किलोमीटर दूर मांडवी और राजेश प्रजापति को भाडवा से बैतूल में बीएलओ बनाया गया।
