
छतरपुर। पारंपरिक जल विहार मेला 2025 का उद्घाटन बीती रात सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ किया गया। उद्घाटन के साथ ही नगर में उत्सव का माहौल छा गया है। आज 10 अक्टूबर को मेले का दूसरा दिन है, और मेला परिसर में तैयारियाँ तेज़ी से दिखाई दे रही हैं।
दुकानों की सजावट और झूले लगाने का काम जारी
उद्घाटन के बाद से ही मेला ग्राउंड में दुकानदार अपने-अपने निर्धारित स्थानों पर दुकानें सजाने लगे हैं। हस्तशिल्प, खिलौने, चाट-पकौड़ी, मिठाइयों सहित स्थानीय बाजारों की दुकानें आकार लेने लगी हैं। बड़े झूले और मनोरंजन के साधनों को भी मैदान में खड़ा किया जा रहा है। आने वाले दिनों में मेला पूरी सजावट के साथ स्थानीय और बाहरी आगंतुकों का स्वागत करने को तैयार होगा।
मुख्य नगरपालिका अधिकारी माधुरी शर्मा और नगर पालिका अध्यक्ष ज्योति सुरेन्द्र चौरसिया के निर्देशन में इस वर्ष मेले को केवल मनोरंजन का स्थल नहीं, बल्कि “संस्कृति का जीवंत मंच” बनाया गया है।
सांस्कृतिक रंगों से सजा मंच
उद्घाटन दिवस पर विद्यालयीन बच्चों ने बुंदेली संस्कृति, राष्ट्रभक्ति और लोक कलाओं से सजी प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीता। मेला केवल मनोरंजन का स्थल नहीं बल्कि सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत करने का माध्यम बन चुका है।
आगामी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलक
11 अक्टूबर: आल्हा गायन
12 अक्टूबर: लोकगीत संध्या
13 अक्टूबर: जबाबी कीर्तन
14 अक्टूबर: राई नृत्य
15 अक्टूबर: संगीत निशा
16 अक्टूबर: भजन संध्या
17 अक्टूबर: अखिल भारतीय कवि सम्मेलन
18 अक्टूबर: बुंदेली बैंड नाइट
19 अक्टूबर: ऑल इंडिया मुशायरा
नगर के नागरिकों का कहना है कि जल विहार मेला केवल व्यापार या मनोरंजन नहीं, बल्कि “अपनों के बीच बैठने और परंपराओं को याद करने का अवसर” है। आने वाले दिनों में यह मेला छतरपुर की पहचान को एक बार फिर जीवंत करने जा रहा है।
