छतरपुर। छतरपुर जिले में एक हृदयविदारक घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत उजागर कर दी है। खजुराहो इलाके में एक गरीब मरीज को एंबुलेंस न मिलने पर परिजनों को ई-रिक्शा में ऑक्सीजन सिलेंडर रखकर घर लाना पड़ा। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इलाज में लापरवाही और महंगे इलाज के चलते अंततः मरीज की मौत हो गई।
मृतक की बेटी केशकली अहिरवार ने बताया कि उनके पिता पिछले चार-पांच महीनों से बीमार थे और सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। उनका एक फेफड़ा खराब हो चुका था। पहले इलाज नौगांव टीबी अस्पताल में हुआ, फिर जिला अस्पताल और अंत में ग्वालियर रेफर किया गया। इस दौरान उन्हें कई बार निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ा। उन्होंने बताया कि आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद महंगी दवाइयों और उपकरणों का पूरा खर्च खुद उठाना पड़ा।
वहीं, इस मामले पर छतरपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. आर.पी. गुप्ता ने कहा कि घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। जांच में सामने आया कि मरीज को केवल एक बार ही एंबुलेंस सुविधा दी गई थी। 108 एंबुलेंस सेवा संचालित करने वाली संस्था को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।
