
छतरपुर। छतरपुर मेला ग्राउंड में इस वर्ष श्री अन्नपूर्णा रामलीला का 75वां अमृत महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। विजयदशमी के अवसर पर आयोजित इस भव्य रामलीला मंचन और महायज्ञ कार्यक्रम में राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, स्थानीय विधायक और पूर्व नगर पालिका परिषद अध्यक्ष समेत कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। समिति द्वारा सभी अतिथियों का सम्मान भी किया गया। रामलीला के मंचन को देखने के लिए शहरवासियों की भारी भीड़ उमड़ी।
हालांकि, उत्सव के बीच रावण दहन कार्यक्रम अव्यवस्था का शिकार हो गया। परंपरा के अनुसार इस वर्ष 51 फीट ऊंचा रावण पुतला तैयार किया गया था, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा कारणों से इसमें कम मात्रा में ईंधन और विस्फोटक सामग्री डाली गई। परिणामस्वरूप, पुतला पूरी तरह नहीं जल सका और केवल उसके हाथ-पैर ही राख में तब्दील हो पाए।
इस घटना से दर्शकों में नाराजगी फैल गई। देर रात करीब 12:30 बजे जब रावण दहन हुआ, तब तक बड़ी संख्या में लोग घर लौट चुके थे। वहीं, जो लोग मौजूद थे, उन्होंने अधजले पुतले को जबरन नीचे गिरा दिया। कुछ लोगों ने रावण की मूंछें नोच लीं और आंखें निकाल दीं। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
गौरतलब है कि छतरपुर में रावण दहन की परंपरा आजादी के बाद वर्ष 1947 में गांधी आश्रम से शुरू हुई थी, जब 16 फीट ऊंचे पुतले का दहन किया गया था। इस बार ऐतिहासिक 75वीं वर्षगांठ पर आयोजन को भव्य बनाने की कोशिश तो हुई, लेकिन रावण पुतला पूरी तरह न जलने से लोगों में निराशा देखने को मिली।
