IAS तपस्या परिहार: परंपरा को नई सोच से दी चुनौती, बोलीं, बेटी दान नहीं अभिमान

कटनी। नरसिंहपुर जिले के छोटे से गाँव जोवा से निकलीं IAS तपस्या परिहार न केवल मेहनत और काबिलियत की मिसाल हैं, बल्कि सामाजिक सोच और परंपरा को चुनौती देने का साहस भी रखती हैं। UPSC में ऑल इंडिया रैंक 23 हासिल कर 2018 बैच की IAS अधिकारी बनीं तपस्या ने अपने विवाह के दौरान ऐसा फैसला लिया, जिसने उन्हें और भी अलग पहचान दिलाई।

 

IFS अधिकारी गर्वित गंगवार से शादी के समय तपस्या ने कन्यादान की रस्म को निभाने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा—

बेटी दान की वस्तु नहीं होती, वह परिवार का अभिमान होती है।

इस एक संदेश ने समाज में गहरी छाप छोड़ी। जहां एक ओर शादी-ब्याह की रस्में अक्सर परंपरा और रीति-रिवाजों से बंधी होती हैं, वहीं तपस्या ने यह साबित किया कि परंपरा का पालन तभी सार्थक है जब वह बराबरी और सम्मान की नींव पर खड़ी हो।

तपस्या परिहार का यह कदम खासकर युवाओं और महिलाओं के लिए प्रगतिशील सोच का प्रतीक बन गया। उन्होंने दिखाया कि बदलाव की शुरुआत परिवार और व्यक्तिगत जीवन से ही हो सकती है।

साहस और प्रगतिशील दृष्टि से शहर के विकास की उम्मीद

अब जब उन्हें कटनी नगर निगम कमिश्नर की जिम्मेदारी मिली है, तो उम्मीद जताई जा रही है कि वे अपनी इसी साहसी और प्रगतिशील दृष्टि से शहर के विकास और समाज में नई सोच को आगे बढ़ाएंगी।

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