नयी दिल्ली, 04 सितंबर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ टेलीफोन पर संयुक्त रूप से बातचीत की जिसमें दोनों ने नियम-आधारित वैश्विक व्यवस्था को प्रोत्साहित करने में भारत-यूरोपीय संघ (ईयू) की रणनीतिक साझेदारी की भूमिका पर बल दिया।
तीनों नेताओं ने भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता को शीघ्र सम्पन्न करने तथा भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा परियोजना के विषय में भी बात की और इसके क्रियान्वयन पर साझा प्रतिबद्धता दोहरायी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने टेलिफोन पर हुई इस बातचीत के बारे में एक विज्ञप्ति में कहा , “दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक ताकतों के रूप में, भारत और यूरोपीय संघ के बीच विश्वास, साझा मूल्यों और भविष्य के लिए एक समान दृष्टिकोण पर आधारित मज़बूत और घनिष्ठ संबंध है। तीनों नेताओं ने “वैश्विक मुद्दों के संयुक्त समाधान, स्थिरता को बढ़ावा देने और पारस्परिक समृद्धि के लिए नियम-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने में भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी की भूमिका पर बल दिया।”
तीनों नेताओं ने व्यापार, प्रौद्योगिकी, निवेश, नवाचार, स्थिरता, रक्षा, सुरक्षा और आपूर्ति शृंखला लचीलेपन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति का भी स्वागत किया और भारत-ईयू एफटीए वार्ता के शीघ्र समापन और आईएमईसी गलियारे के कार्यान्वयन के लिए साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
फरवरी में यूरोपीय संघ कॉलेज के आयुक्तों की भारत की ऐतिहासिक यात्रा के बाद, नेताओं ने आपसी सुविधानुसार शीघ्र ही भारत में अगले भारत-ईयू शिखर सम्मेलन के आयोजन पर भी चर्चा की। श्री मोदी ने दोनों नेताओं को इसके लिए भारत आमंत्रित किया।
इन नेताओं ने यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों सहित आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया। प्रधानमंत्री मोदी ने संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान और शांति एवं स्थिरता की शीघ्र बहाली के लिए भारत के निरंतर समर्थन को दोहराया।
विज्ञप्ति के अनुसार इन नेताओं ने संपर्क में बने रहने पर सहमति प्रकट की है।
