पलेरा ग्रामसभा का निर्णय: मगरई गांव में शराबबंदी लागू

पलेरा: टीकमगढ़ जिले के पलेरा के ग्राम मगरई में ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से शराबबंदी लागू करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। गणेश चतुर्थी पर हुई ग्रामसभा में सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि अब गांव में न तो शराब बेची जाएगी और न ही पी जाएगी। गुरुवार को गांव में आधिकारिक घोषणा करते हुए बताया गया कि शराब बेचने वालों पर 21 हजार और पीने वालों पर 11 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।

गांधी चबूतरा पर हुई बैठक में यह भी तय हुआ कि नियम तोड़ने वालों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। ग्रामीणों ने घर-घर जाकर शराबबंदी की जानकारी दी और पर्चे बांटे।ग्राम निवासी हरिदास राजपूत ने बताया कि लंबे समय से गांव में शराब की बिक्री हो रही थी, जिससे युवा वर्ग बुरी तरह प्रभावित हो रहा था और महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। आए दिन विवाद और झगड़े होते थे।

इसीलिए सामूहिक सहमति से शराब पर रोक लगाई गई।इस अभियान में अवधलाल राजपूत, भागचंद लोधी, रामस्वरूप माते, राजेंद्र, कनू, कृष्णकांत, अभिषेक, संतोष, वौरन लाल, लच्छी अहिरवार, आशाराम सहित कई ग्रामीण सक्रिय रूप से शामिल रहे।वहीं, क्षेत्र में यह सवाल भी उठ रहा है कि जहां कई पंचायतें शराबबंदी की ओर कदम बढ़ा रही हैं, वहीं भाजपा मंडल अध्यक्ष के पति द्वारा नन्ही टेहरी गांव में अवैध शराब बेची जा रही है। संगठन की चुप्पी और कार्रवाई न होने पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। खासतौर से तब, जब पार्टी की ही पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती लगातार शराबबंदी को लेकर सड़कों पर मुखर रहती हैं। ग्रामीणों का मानना है कि नन्हीं टेहरी को भी शराब मुक्त कर समाज को सही संदेश दिया जाना चाहिए।

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