इंदौर: नए पोर्टल वेबजीआईएस के साथ कार्य करने में पटवारियों और किसानों को कई परेशानियां हो रही है.एक बार फिर पटवारी संघ ज्ञापन द्वारा अपनी समस्याओं से अवगत कराने राजस्व प्रमुख्य सचिव के पास पहुंचा. मामला कुछ यूं है कि किसान को असुविधाओं से बचाने, जल्द और आसानी से काम को निपटाने के लिए शासन द्वारा ऐप एवं नए सोफ्टवेयर लांच किए जाते हैं लेकिन पटवारियों के साथ समन्वय न करते हुए ऐसे ऐप्स का डेमो नहीं दिया जाता है.
इसके चलते पटवारियों को कार्य करने में कई तरह की परेशानियां होती है. यही कारण है कि हितग्राहियों के कार्य में बड़ी बाधाए उत्पन्न होती है. किसानों के काम नही हो पाते और उनकी नाराज़गी बढ़ जाती है. हाल ही में कुछ समय पहले ही नए वर्जन पोर्टल वेब जीआईएस के साथ पटवारियों को कार्य करने को कहा गया जिससे होने वाली असुविधाओं के पटवारी और किसान दोनों को ही परेशान हो रही है. जबकि पटवारी पिछले पोर्टल ऐप को भलीभांति समझ चुके थे, जिसके साथ कार्य करना आसान हो चुका था. वहीं वेबजीआईएस से कार्य विलंब से हो रहे हैं. अधिकारियों और पटवारियों के बीच हमेशा दूरियां देखने को मिली है. जबकी पटवारियों के बीच कई ऐसे पटवारी भी है जो कि तकनीकी रूप से कुशल है.
इनका कहना है
किसान या कोई पार्टी जिनने रजिस्ट्री करवा ली लेकिन वेबजीआईएस के करण नामांकन की प्रक्रिया नहीं हो पा रही. रिपोर्ट का एंप्लीमेंट नहीं हो रहा लेकिन तहसीलदार साहब ने आर्डर कर दिया. महीने भर से हम अमल नहीं कर पा रहे है.
– लोकेश बेतव, पटवारी सांवेर
अधिकारियों और पटवारियों के बीच नए ऐप को लेकर समन्वय ज़रूरी है. जब तक हम इससे फ्रेंडली नहीं होते जब यह तकनीक हमारे लिए कई रूकावटें खड़ी करती रहेगी. हम चाहते हैं हितग्राही का कार्य जल्द हो जिससे वह संतुष्ट रहे.
– नवीन वर्मा, पटवारी देपालपुर
पुराने सॉफ्टवेअर को तीन साल चालाया. उसकी कई त्रुटियां भी खत्म की, जब हम उसे समझ चुके थे, तो अब यहां नए ऐप दिया गया, जिसे संघ को सूचित नहीं किया गया और न ही पटवारी टक्निीकल टीम को बताया गया.
– मनोज परिहार, अध्यक्ष पटवारी संध
