सतना : खरीफ की फसल को सुरक्षित रखने और अच्छी पैदावार लेने के लिए उर्वरक की चाह ने किसानों को महीने भर से हलाकन कर रखा है. वहीं मांग और उपलब्धतता के बीच भारी अंतर होने के साथ-साथ कुछ व्यवस्थागत खामियां भी किसानों को बेचैन किए जा रही हैं. नतीजतन सतना और मैहर जिले में किसानों द्वारा सडक़ पर उतरने की घटना हर रोज का शगल बनती जा रही है.
जिले के सभी उर्वरक वितरण केंद्र में हर रोज की तरह मंगलवार को भी सुबह से ही किसानों की लाइन लग चुकी थी. लाइन में खड़े होने वालों में न सिर्फ पुरुष बल्कि बुजर्ग और महिलाएं भी लगी हुई थीं. इतना ही नहीं बल्कि कुछ महिलाएं अपने गोद में दुधमुहे बच्चों को लेकर भी आई हुई थीं. सुबह कांउटर खुलने के बाद वितरण व्यवस्था सामान्य बनी रही. लेकिन दोपहर बाद अचानक उसमें कुछ ऐसा व्यवधान आया कि एकत्रित किसानों में आक्रोश पनपने लगा.
कुछ समय बाद ही किसान विरोध प्रदर्शन करते हुए सतना पन्ना मुख्य मार्ग पर आ गए. जहां पर उन्होंने विरोध प्रदर्शन करते हुए मार्ग को बाधित कर दिया. जिसका नतीजा यह हुआ कि मार्ग के दोनों ओर सैकड़ों वाहनों की लंगी कतारें लग गईं. घटना की जानकारी मिलने पर सिविल लाइन थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह परिहार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए. थाना प्रभारी द्वारा चर्चा किए जाने के बावजूद भी गतिरोण कम नहीं हुआ.
आक्रोशित किसान उर्वरक वितरण व्यवस्था को चौक चौबंद और सुव्यवस्थित करने की मांग पर उड़े हुए थे. उनका कहना था कि हर रोज सुबह से लेकर शाम तक लाइन में लगे रहने के बावजूद भी उन्हें उर्वरक नहीं मिल पा रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम रघुराजनगर राहुल सिलाडिय़ा मौके पर पहुंच गए और किसानों से चर्चा की.
किसानों की समस्या को गंभीरता से सुनने के बाद एसडीएम ने उन्हें आश्वस्त किया कि उर्वरक वितरण के मामले में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. पूरा प्रयास किया जाएगा कि किसानों को उर्वरक के लिए परेशान न होना पड़े. एसडीएम के आश्वासन के बाद किसान मार्ग से हटने को राजी हो गए. लेकिन तब तक शहर के मुख्य मार्ग पर 4 किमी से अधिक का जाम लग चुका था. जिसे सुचारू होने में घंटो लग गए
